myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Shiv Mandir: Such a Shiva temple where the size of Shivling increases every year

Shiv Mandir: ऐसा शिव मंदिर जहां हर साल बड़ता है शिवलिंग का आकार

Myjyotish Expert Updated 11 Jun 2022 11:06 AM IST
ऐसा शिव मंदिर जहां हर साल बड़ता है शिवलिंग का आकार
ऐसा शिव मंदिर जहां हर साल बड़ता है शिवलिंग का आकार - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन

ऐसा शिव मंदिर जहां हर साल बड़ता है शिवलिंग का आकार


अपने भारत में कई चमत्कारी मंदिर है। महादेव निर्विकार , ओंकार ,निराकार स्वरूप है।उनकी पूजा लिंग रूपी होती है।भारत में कई चमत्कारी शिवलिंग है,जिनका अपना अपना अलग तरीके से चमत्कारी कहानी जुड़ा हुआ है। सिंह महेश्वर महादेव का मंदिर यूपी हरिमपुर में स्थित है। यहा शिव जी और माता गौरी की अति प्राचीन मूर्ति यमुना नदी के तट पर स्थित है।इतिहासकारों ने इस मंदिर को गुप्तकालीन का अनोखा धरोहर बताया है।यह ऐसा मंदिर है जहा चंदन के पेड़ स्वयं उग जाते है। 

पंडित भरत दास हो मंदिर के महंत है उन्होंने बताया है की एक बार मेरे गुरु नारायणदास  ने करीब चालीस वर्ष पहले एक चंदन का पेड़ लगाया था।उसके बाद से आज तक चंदन का पेड़ खुद से मंदिर के आस–पास उग जाते है। मंदिर में करीब सैकड़ों चंदन के पेड़ उग आए है। और इसी चंदन से महादेव और माता पार्वती का श्रृंगार किया जाता है। दूर दूर तक इस मंदिर के चमत्कारी होने की चर्चा है। यहां पर श्रद्धालु दूर दूर से दर्शन करने और चमत्कारी चंदन के पेड़ देखने आते है। मान्यता है की यहां जो भी सच्चे मन से मांगो वो पूरा हो जाता है। इसे मनोकामी मंदिर भी कहते है।

हर परेशानी का एक ही हल, बात करें देश के प्रसिद्ध ज्योतिषियों से 

हर साल शिवलिंग का बड़ता है आकर 

हरिमपुर मुख्यालय से यमुना पुल के उत्तर–पूर्व में कुछ ही दूरी पर शिव पार्वती का सबसे प्राचीन मन्दिर सिंग महेश्वरी मंदिर यमुना तट पर स्थित है। मंदिर के गर्भगृह में अर्धे में शिव पार्वती की पूर्ति विराजमान है। इतिहासकारों के अनुसार ये मंदिर गुप्तकालिन के समय का है। जो जमीन से अपने आप से निकाले है और एक अदभुत पत्थर का रूप ले लिया है। इस शिवलिंग का आकार हर साल एक चावल के दाने के बराबर बड़ता है। यहां स्थित शिवलिंग को पाताली शिवलिंग भी कहा जाता है। दर्शन के लिए सैकड़ों लोग यहा आते है।शिवलिंग पर भांग, धतूरा,फूल,चंदन, अर्पित कर के यहां के श्रद्धालु  शिव जी पूजा करते है साथ ही अभिषेक करने की यहां महात्म है।

मंदिर की ये कहानी प्रचलित 

इस मंदिर से कई कहानी है पर एक कहानी प्रचलित है कथाओं के अनुसार एक बार  यमुना नदी में बहुत बाढ़ आ आ गया था तो वहा के साधुओं ने शिवलिंग को दूसरे स्थान पर स्थापित करने की सोचा। तब शिव जी प्रार्थना कर के वहा की खुदाई शुरू हो गई पर शिवलिंग का कोई अंत नहीं मिला। वहा के लोग और साधु ने हार मान लिया। फिर इस शिवलिंग को मंदिर का रूप दिया गया। अब से मंदिर में पूजा किया जाने लगा।कहते है न शिव भोले होते है सही कहते है क्योंकि ये मंदिर मनोकामी मंदिर है।

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

चंदन के पेड़ बड़े होने के बाद उनका पता चलता है 

बताया जाता है की इस मंदिर के आसपास कई पेड़ चंदन के अपने आप उग जाते है।इसका किसी को नहीं पता की कैसे हो जाता है। यहां के लोग इसे शिव जी का आशीर्वाद मानते है। जो अपने आप चमत्कारी चंदन पेड़ उग जाता है। उस मंदिर के जानकारी के हिसाब से अब तक कुछ चंदन का पेड़ चोरी भी हो चुका है। इस क्षेत्र में शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। यहा पर दूर दूर से लोग अपना दुःख लेकर आते है और यहां पर उसका निवारण हो जाता है।
 

 

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X