खास बातें
Sheetala Ashtami Kab Hai इस साल 2 अप्रैल 2024 को शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा. शीतला सप्तमी के बाद मनाया जाता है शीतला अष्टमी को त्यौहार. शीतला अष्टमी व्रत को बसौड़ा पूजा, बसौड़ा अष्टमी या बसोड़ा जैसे नामों से भी जाना जाता है.
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Sheetala Ashtami Vrat को विधि विधान के साथ रखा जाता है. Sheetala Puja Vidhi में माता को ठंडा भोग अर्पित करते हैं. शीतला माता Sheetla mata का पूजन रोगों से बचाता है. basoda sheetala ashtami food में बासी भोजन को शामिल किया जाता है. आइये जान लेते हैं शीतला अष्टमी पूजा महत्व ओर इसके नियम. Importance Of Sheetala Ashtami पर्व भक्तों के लिए खास समय होता है.
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माता शीतला की पूजा और महत्व
माता पूजा देवी शीतला को समर्पित है. यह होली के बाद कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाया जाता है. basoda festival को शीतला अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. शीतला अष्टमी उत्तर भारतीय राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मनाई जाती है. मान्यताओं के अनुसार, देवी शीतला चेचक, खसरा आदि को नियंत्रित करती हैं. इन बीमारियों के किसी भी प्रकोप को दूर करने के लिए उनकी पूजा की जाती है.Sheetala Ashtami Bhog इस तिथि को घर में भोजन नहीं बनाया जाता है. जो भी खाना बनता है वह पहले ही बना कर तैयार कर लिया जाता है और अष्टमी तिथि को देवी मां को उसी का भोग लगाया जाता है. इसी भोग को प्रसाद रुप में परिवार के सदस्य भी स्वीकार करते हैं. इस दिन देवी मां की पूजा करते समय उनकी आरती मंत्र जाप एवं स्त्रोत करना भी जरूर होता है.
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उत्तर प्रदेश समेत, राजस्थान एवं गुजरात इत्यादि स्थानों पर इस दिन की विशेष झलक देखने को मिलती है. भक्त बड़ी संख्या में माता के पूजन में शामिल होते हैं इस समय धार्मिक मेलों का भी आयोजन किया जाता है
शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त
बसौड़ा शीतला अष्टमी 02 अप्रैल 2024 को मंगलवार के दिन मनाई जाएगी. शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त समय सुबह 06:10 से आरंभ होकर शाम 06:40 तक रहेगा. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 01 अप्रैल, 2024 को रात्रि 09:09 बजे से होगा. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन 02 अप्रैल, 2024 को रात्रि 08:08 बजे पर होगा. देवी शीतला अष्टमी का पर्व 2 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस दिन देवी मां की पूजा करते समय विधि विधान के साथ उनकी आरती जरूर करनी चाहिए. अगर आप आज देवी मां की पूजा कर रहे हैं तो माता का आशीर्वाद भक्तों को अवश्य प्राप्त होता है.कामाख्या देवी शक्ति पीठ में चैत्र नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 09 अप्रैल -17 अप्रैल 2024 - Durga Saptashati Path Online
शीतला अष्टमी पूजा नियम
शीतला व्रत में मुख्य रुप से गर्म चीजों का उपयोग निषेध माना गया है. गर्म चीजों या अग्नि के उपयोग से मिल सकता है कठोर दंड ओर माता हो जाती हैं नाराज. देशी शीतला माता की पूजन परंपरा के अनुसार इस दिन पर चुल्हा नहीं जलाया जाता है. ऎसे में भोजन को एक दिन पहले ही बना कर रख लिया जाता है और बसौड़ा के दिन उसी पहले दिन बने बासी एवं ठंडे भोजन को ही ग्रहण किए जाने का नियम रहा है.शीतला माता पूजा के नियम काफी मुश्किल होते हैं जिसमें प्रसाद हो या भोजन कुछ भरी गर्म नहीं होना चाहिए. इस दिन अग्नि से जुड़ा काम नहीं किया जाता है. माता शीतला को शीतल वस्तुएं ही अर्पित की जाती हैं.
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