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Home ›   Blogs Hindi ›   Shani Pradosh Fast: Zodiac-based remedy alters fate on this day.

Shani Pradosh : शनि प्रदोष व्रत के दिन राशि अनुसार ये एक उपाय बदल देगा आपका भाग्य

Acharya Rajrani Sharma Updated 06 Apr 2024 11:51 AM IST
Shani Pradosh
Shani Pradosh - फोटो : myjyotish

खास बातें

Shani Pradosh Upay: शनिवार के दिन प्रदोष पूजा का होना शनि के शुभ फलों को देनेन वाला होता है. शनि प्रदोष के दिन यदि राशि अनुसर उपाय कर लिए जाएं तो इसका विशेष फल मिलता है.आइये जान लेते हैं शनि प्रदोष पूजा और शनि प्रदोष पूजा उपाय 
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Shani Pradosh Upay: शनिवार के दिन प्रदोष पूजा का होना शनि के शुभ फलों को देनेन वाला होता है. शनि प्रदोष के दिन यदि राशि अनुसर उपाय कर लिए जाएं तो इसका विशेष फल मिलता है. शनि प्रदोष व्रत के दिन शनि देव उपायों में एक उपाय ऎसा है जिसे हर राशि के लोग कर सकते हैं. आइये जान लेते हैं शनि प्रदोष पूजा और शनि प्रदोष पूजा उपाय 

Shani Dev: शनिवार का दिन शनि देव का होता है और जब प्रदोष तिथि शनिवार के दिन हो तब यह दिन शनि प्रदोष कहलाता है. न्याय के देवता शनिदेव की कृपा जिस पर पड़ती है उसके वारे न्यारे हो जाते हैं. शनि प्रदोष व्रत का समय शनि देव को समर्पित है. इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं. इस दिन शनि दान, शनि मंत्र जाप, शनि मंत्र का जाप उत्तम होता है.

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शनि प्रदोष व्रत दूर करता है बुरे कर्मों का प्रभाव 

ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर ग्रह माना जाता है जो लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. शनि अगर शुभ है तो जीवन सुखद होता है किंतु शनि के अशुभ प्रभाव होने पर बिजनेस में परेशानी, नौकरी का छूटना, काम में रुकावट, जीवन में निराशा, परिश्रम का व्यर्थ हो जाना, पदोन्नति में बाधा और धन हानि के साथ कर्ज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कि शनि प्रदोष के व्रत से शनि से संबंधित समस्याओं को कैसे दूर किया जा सकता है.

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शनि कवच पाठ का उपाय दूर करेगा हर राशि का संकट 

शनिप्रदोष के दिन भगवान शनि की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन भगवान शनि की पूजा करने से जीवन की मुश्किलों का अंत होता है. कहा जाता है अगर आपके कर्म अच्छे हैं और आप किसी असहाय व्यक्ति की मदद करते हैं तो शनिदेव तुरंत प्रसन्न होते हैं. साथ ही शनि कवच का पाठ करना भी बहुत ही कल्याणकारी माना गया है. शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है. 

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शनि प्रदोष के दिन भगवान शनि की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन भगवान शनि की पूजा करने से जीवन की मुश्किलों का अंत होता है. कहा जाता है अगर आपके कर्म अच्छे हैं और आप किसी द्वियांग एवं निर्बल व्यक्ति की मदद करते हैं, तो शनिदेव तुरंत प्रसन्न होते हैं. प्रदोष काल समय शनि कवच का पाठ करना भी बहुत ही कल्याणकारी माना गया है, शनि कवच का पाठ हर राशि के लिए उत्तम फल देता है. यह एक उपाय सभी के भाग्य को बदल सकता है.

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शनि कवच ' Shani Kavach Path:  

अस्य श्री शनैश्चरकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, शनैश्चरो देवता, शीं शक्तिः,
शूं कीलकम्, शनैश्चरप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः
नीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी गृध्रस्थितत्रासकरो धनुष्मान्.
चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रसन्न: सदा मम स्याद्वरद: प्रशान्त:..
श्रृणुध्वमृषय: सर्वे शनिपीडाहरं महंत्.
कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम्..
कवचं देवतावासं वज्रपंजरसंज्ञकम्.
शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम्..
ऊँ श्रीशनैश्चर: पातु भालं मे सूर्यनंदन:.
नेत्रे छायात्मज: पातु कर्णो यमानुज:..
नासां वैवस्वत: पातु मुखं मे भास्कर: सदा.
स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठ भुजौ पातु महाभुज:..
स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रद:.
वक्ष: पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्थता..
नाभिं गृहपति: पातु मन्द: पातु कटिं तथा.
ऊरू ममाSन्तक: पातु यमो जानुयुगं तथा..
पदौ मन्दगति: पातु सर्वांग पातु पिप्पल:.
अंगोपांगानि सर्वाणि रक्षेन् मे सूर्यनन्दन:..
इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य य:.
न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवन्ति सूर्यज:..
व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोSपि वा.
कलत्रस्थो गतोवाSपि सुप्रीतस्तु सदा शनि:..
अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयगे.
कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित्..
इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्निर्मितं पुरा.
जन्मलग्नस्थितान्दोषान् सर्वान्नाशयते प्रभु:..
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