खास बातें
Shakambhar Mata Puja : शाकंभरी माता का पूजन देता है भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वादShakambhari puja शास्त्रों के अनुसार मां शाकंभरी का पूजन सुख समृद्धि का आशीर्वाद देने वाला होता है.
Shakambhari माता की पूजा से भक्तों को मिल जाते हैं.
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Shakambhar Mata Puja : शाकंभरी माता का पूजन देता है भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद
Shakambhari puja शास्त्रों के अनुसार मां शाकंभरी का पूजन सुख समृद्धि का आशीर्वाद देने वाला होता है.Shakambhari माता की पूजा से भक्तों को मिल जाते हैं. importance of goddess worship देवी की भक्ति से व्यक्ति के कष्ट होते हैं दूर
Shakambhari Mata Puja importance देवी का पूजन shakumbhari devi का पूजन धन धान्य से भरपूर कर देने वाला होता है. भक्ति करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.
देवी शाकंभरी की पूजा को शास्त्रों में अत्यंत चमत्कारिक माना गया है, सभी प्रकार की प्रसिद्धि मिलती है और पारिवारिक विवाद दूर हो जाते हैं. पूजा करने से व्यक्ति के भाग्य के सभी बंद द्वारा भी खुल जाते हैं. जीवन में सकारात्मक फल मिलने लगते हैं. पूजा करने से मां काली प्रसन्न होती हैं और ऐसे व्यक्ति के शत्रु स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं. यदि मां शाकंभरी की पूजा की जाए तो व्यक्ति जो चाहे प्राप्त कर सकता है.
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शाकंभरी माता का पूजा महत्व Shakambhari Mata Puja importance
देवी शाकंभरी शक्ति का आधार हैं, इनकी पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और शत्रुओं का नाश होता है. रोग-दोष दूर होते हैं और जीवन में आर्थिक समृद्धि आती है. देवी की आराधना से पारिवारिक कलह नष्ट हो जाते हैं.मां शाकंभरी की पूजा करने से सभी प्रकार की खुशियां मिलती हैं और पारिवारिक कलह दूर हो जाते हैं. पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली के सभी अशुभ ग्रह भी शुभ फल देने लगते हैं. पूजा करने से मां काली प्रसन्न होती हैं और ऐसे व्यक्ति के शत्रु स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं. यदि मां शाकंभरी की पूजा की जाए तो व्यक्ति जो चाहे प्राप्त कर सकता है. देवी शाकंभरी को भोग चढ़ाना चाहिए. इस दिन मां शाकंभरी को फूल चढ़ाने चाहिए. घी का दीपक जलाकर उनकी पूजा करनी चाहिए और आरती करनी चाहिए तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
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शाकम्भरी माता की आरती Shakumbhari Devi Aarti
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां शाकंभरी की पूजा करनी चाहिए, पूजा और स्तुति करने से व्यक्ति अपने जीवन में जो चाहे प्राप्त कर सकता है. अगर भक्त इस दिन देवी मां को प्रसन्न करते हैं तो उनके जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है.जय जय शाकम्भरी माता ब्रह्मा विष्णु शिव दाता
हम सब उतारे तेरी आरती री मैया हम सब उतारे तेरी आरती
संकट मोचनी जय शाकम्भरी तेरा नाम सुना है
री मैया राजा ऋषियों पर जाता मेधा ऋषि भजे सुमाता
हम सब उतारे तेरी आरती
मांग सिंदूर विराजत मैया टीका सूब सजे है
सुंदर रूप भवन में लागे घंटा खूब बजे है
री मैया जहां भूमंडल जाता जय जय शाकम्भरी माता
हम सब उतारे तेरी आरती
क्रोधित होकर चली मात जब शुंभ- निशुंभ को मारा
महिषासुर की बांह पकड़ कर धरती पर दे मारा
री मैया मारकंडे विजय बताता पुष्पा ब्रह्मा बरसाता
हम सब उतारे तेरी आरती
चौसठ योगिनी मंगल गाने भैरव नाच दिखावे।
भीमा भ्रामरी और शताक्षी तांडव नाच सिखावें
री मैया रत्नों का हार मंगाता दुर्गे तेरी भेंट चढ़ाता
हम सब उतारे तेरी आरती
कोई भक्त कहीं ब्रह्माणी कोई कहे रुद्राणी
तीन लोक से सुना री मैया कहते कमला रानी
री मैया दुर्गे में आज मानता तेरा ही पुत्र कहाता हम सब उतारे तेरी आरती
सुंदर चोले भक्त पहनावे गले मे सोरण माला
शाकंभरी कोई दुर्गे कहता कोई कहता ज्वाला
री मैया मां से बच्चे का नाता ना ही कपूत निभाता
हम सब उतारे तेरी आरती
पांच कोस की खोल तुम्हारी शिवालिक की घाटी
बसी सहारनपुर मे मैय्या धन्य कर दी माटी
री मैय्या जंगल मे मंगल करती सबके भंडारे भरती
हम सब उतारे तेरी आरती
शाकंभरी मैया की आरती जो भी प्रेम से गावें
सुख संतति मिलती उसको नाना फल भी पावे
री मैया जो जो तेरी सेवा करता लक्ष्मी से पूरा भरता हम सब उतारे तेरी आरती ||