महाकाल भी तुम,
लोक भी तुम
त्रिलोक भी तुम,
शिव भी तुम
और सत्य भी तुम।
शिव भक्तों को रहता है जिस महीने का बेसब्री से इंतजार वो महीना आ गया है, भक्तों की कावड़ यात्रा में भगवान शिव सवार वो महीना आ गया है, जहां भगवान शिव के जयकारे लगते हो हजार वो महीना आ गया है। जी हां ये महीना कहलाता है श्रावण मास व सावन मास। आप सभी भगवान शिव के सबसे प्रिय महीने से रूबरू तो जरूर हों गए होंगे व इस माह के लाभों को भी अच्छे से समझते होंगे। परंतु इन सबसे हटकर भी इस मास में कुछ होता है। जैसे कि पूजा - पाठ के कुछ विधि - विधान, संकटों से बचने के लिए कुछ सरल उपाय और इत्यादि बातें।
आइए अब जानते हैं कुछ खास बातें जिसे आप श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ को कर सकेंगे प्रसन्न व कुछ सरल उपायो से मिल सकता है यश, धन, सफलता, प्रेम, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद।
1. सावन मास में रोज़ चढ़ाएं शिवलिंग पर 21 बेलपत्र, ध्यान रहे बेलपत्रों पर ओम नमः शिवाय लिखना ना भूलें।
2. सावन मास में रोज शिवलिंग पर केसर मिला दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। ऐसा करने से विवाहित बाधाएं दूर हो जाती हैं।
3. घर को नकारात्मक शक्तियों से बचाए रखने के लिए सावन मास में रोज सुबह उठकर घर में गंगाजल का छिड़काव करें और धूपबत्ती जलाएं।
4. इस मास में गरीबों को भोजन कराने से भोलेनाथ हो सकते हैं आपसे प्रसन्न। इससे घर में कभी भी अन्न कमी नहीं देखी जाती व साथ ही साथ पितरों को भी शांति प्रधान होती है।
5. इस पूरे मास रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान व घरों के काम से निपटें। फिर मंदिर जा कर या फिर घर में ही भगवान शिव का जल अभिषेक करें। जल अभिषेक के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना ना भूले।
6. सावन के सोमवार में शिवलिंग पर पानी में दुध व काले तिल मिलाकर अभिषेक करें। ऐसा करने से बीमारियां दूर होती हैं। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर और किसी धातु का उपयोग करे।
7. मनचाहे फल की प्राप्ति के लिए सावन मास में किसी भी नदी या तालाब में जाकर मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं व साथ ही साथ मन में भगवान शिव का ध्यान करें।
8. बेलपत्रों को मंत्र के साथ ही शिवलिंग पर अर्पण करें व बेलपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ही, श्रीं लिखें। आखरी बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद उसे निकाल ले और इसे घर के पूजा स्थान पर रखकर इसकी रोज पूजा करें।
9 सावन मास में गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं और हर शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से 11 बार उसका जल अभिषेक करें।
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मां पार्वती को भी बहुत पसंद होता है भगवान शिव का यह सावन महीना ;
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जिस तरह से भगवान शिव को सावन महीना मंनपसंदीदा होता है। ठीक उसी तरह से मां पार्वती को भी भगवान शिव का यह सावन महीना बहुत पसंद होता है। मान्यता ये बताई जाती है कि सावन महीने में सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा करने से मनचाहे वरदान की प्राप्ति होती है, व मंगलवार के दिन माता मंगला गौरी का व्रत करने से मां पार्वती की कृपा व आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता है।
सावन मास में दिन सोमवार का महत्व ;
सावन के महीने में सोमवार का दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही साथ यह दिन भगवान शिव के प्रिय दिनों में भी गिना जाता है। अगर आप इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखते हैं तो उसका फल बहुत जल्द ही प्राप्त होता है। इसीलिए धार्मिक दृष्टि के अनुसार सावन सोमवार के व्रत को बहुत महत्वपूर्णता मिलती है।
ऐसे करें सावन सोमवार के व्रत की पूजा ;
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सावन के महीने में भक्तों को सुबह जल्दी उठ कर नहा लेना चाहिए व साफ कपड़े पहन कर सावन व्रत की पूजा प्रारंभ करनी चाहिए। पूजा के दौरान ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए गंगा जल से भगवान शिव का जल अभिषेक करना चाहिए। सबसे पहले शिवलिंग पर जल व दूध चढ़ाकर, फिर फूल, बिल्वपत्र, धतूरा और अन्य चीजें चढ़ाकर भगवान शिव की आरती करनी चाहिए। पूजा आरती के बाद शिव मंत्र का जाप भी करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार बताया जाता है कि भगवान शिव की पूजा करते समय हल्दी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
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