Sawan Purnima 2023: सावन पूर्णिमा व्रतों में श्रेष्ठ, जानिए इस दिन किए जाने वाले कैसे दिलाते हैं आपक
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सावन माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि को सावन पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. यह समय बेहद शुभ होता है. इस समय के दौरान किया गया पूजन व्यक्ति को शुभ फल प्रदान करता है. श्रावण मास में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. इस दिन पर आने वाली तिथियों में पूर्णिमा तिथि के दिन किया जाने वाला पूजन समस्त माह के पूजन का फल भी प्रदान करता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है.
सावन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भक्त पवित्र नदियों में स्नान भी करते हैं. धर्म स्थानों पर इस समय के दौरान कई तरह के अनुष्ठान भी आयोजित किए जाते हैं. भारत में गंगा, यमुना इत्यादि नदियों एवं पवित्र धर्म स्थलों पर इस समय मेले इत्यादि भी आयोजित किए जाते हैं. हजारों की संख्या में भक्त इस दिन गंगा स्नान करते हैं तथा दान इत्यादि कार्यों के द्वारा शुभ फलों को पाते हैं. आईये जानें पूर्णिमा व्रत कब है और इस दिन पूजा का शुभ समय क्या है.
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सावन पूर्णिमा 2023 तिथि
सावन पूर्णिमा की तिथि को हम पंचांग अनुसार पाते हैं. पंचांग के अनुसार, श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10:59 बजे से शुरू होगी और 31 अगस्त को सुबह 07:06 बजे समाप्त होगी. इस खास दिन धनिष्ठा नक्षत्र बन रहा है, जो संध्या तक रहेगा. पूर्णिमा के दिन श्री विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर रहती हैं.
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श्रावण पूर्णिमा पर किए जाने वाले कार्य और लाभ
श्रावण पूर्णिमा पर पूजा-पाठ का विशेष संयोग बनता है. यह वह दिन होता है जब एक साथ कई शुभ कार्यों को किया जाता है. श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. सावन पूर्णिमा को श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन पूर्णिमा व्रत के दिन स्नान, दान के कार्यों से व्यक्ति को अक्षय फलों की प्राप्ति है. यह शुभ फल व्यक्ति के जीवन में कभी भी समाप्त नहीं होते हैं इस कारण से पूर्णिमा के दिन दान करने से स्वर्ग के समान सुखों की प्राप्ति होती है.
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सावन पूर्णिमा के दिन कुछ विशेशः कार्यों को करने से व्यक्ति अपने जीवन में शुभता को पाने में सफल होता है. पूर्णिमा का समय श्री विष्णु पूजन का होता है तथा चंद्र देव का पूजन करने से समस्त मानसिक दोष दूर होते हैं. इस दिन केसर और दूध का दान करने से व्यक्ति को जीवन में कार्यों की सफलता मिलती है.
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