Sawan Pradosh Vrat: आने वाला है प्रदोष पूजा का शुभ समय जब मिलेगा कारोबार और नौकरी सफलता पाने का योग
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रवि प्रदोष व्रत का फल नौकरी में अच्छे परिणाम दिलाता है और कारोबार में व्यक्ति को समृद्धि दिलाने वाला होता है. इस माह सावन का तीसरा प्रदोष रवि प्रदोष के रुप में रखा जाएगा. अधिकमास के अंतिम प्रदोष व्रत के साथ ही मिलेगा भक्तों को भगवान की कृपा का लाभ. प्रदोष के समय पर रविवार का समय होनेसावन के महीने में कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. इस महीने में भगवान शिव से जुड़े कई व्रत रखे जाते हैं जिनमें से एक है प्रदोष व्रत. इस महीने 13 अगस्त को सावन का तीसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार अधिकमास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. जानिए इस दिन शिव पूजा का शुभ समय क्या है और कैसे की जा सकती है भगवान शिव की पूजा.
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प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त समय
पंचांग के अनुसार 13 अगस्त को सुबह 8 बजकर 19 मिनट पर प्रदोष की त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 14 अगस्त को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी. प्रदोष काल को पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है और यह प्रदोष काल 13 अगस्त की शाम को होगा, इसलिए इसी दिन प्रदोष व्रत की पूजा की जाएगी. प्रदोष काल का समय शाम 19:08 मिनट से रात 21:22 मिनट तक रहने वाला है.
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मलमास का रवि प्रदोष देगा कारोबार में वृद्धि का सुख
रविवार प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा करने के लिए भक्त सुबह जल्दी उठते हैं, स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं. सुबह और शाम दोनों समय पूजा की जाती है. सुबह के समय भगवान शिव की पूजा की जाती है और शिव मंदिर के दर्शन किये जाते हैं. इस पूजा द्वारा व्यक्ति के कारोबार को वृद्धि प्राप्त होती है.
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पूजा के दौरान सफेद रंग के कपड़े पहनना बहुत शुभ माना जाता है. प्रदोष व्रत की पूजा में फलों को शामिल किया जाता है और शिव जी की आरती की जाती है. सभी को प्रसाद वितरण के साथ पूजा समाप्त होती है. मान्यता है कि घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है. भक्त अपने आराध्य देव भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं, ताकि उनकी कृपा बनी रहे. रविवार कायोग होने पर यह दिन नौकरी एवं कारोबार से जुड़े मामलों में शुभता को प्रदान करने वाला समय होता है.