Sawan Chaturthi 2023: सावन में कब है गणेश चतुर्थी? जानें पूजा विधि एवं मंत्र
- फोटो : my jyotish
हिंदू पंचांग अनुसार भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए हर महीने चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी व्रत रखा जाता है. प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश पूजा का महत्व अधिक रहा है. इस बार यह व्रत सावन की 20 अगस्त को रविवार के दिन मनाया जाएगा.
नाग पंचमी पर परिवार मे सुख एवं समृद्धि प्राप्ति करने का एक मात्र उत्तम दिन, घर बैठे कराएं पूजा नागवासुकि मंदिर, प्रयागराज - 21 अगस्त 2023
इस दिन भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आस्था और भक्ति के साथ इस व्रत का पालन करने से भगवान श्रीगणेश की कृपा से व्यक्ति को प्रभु भक्ति का मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जीवन में यदि किसी काम को लेकर परेशानी या संकट की स्थिति बनी रहती तब इस स्थिति में चतुर्थी व्रत का फल अत्यंत शुभ फलों को प्राप्त करता है.
सौभाग्य पूर्ण श्रावण माह के सावन पर समस्त इच्छाओं की पूर्ति हेतु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं में कराए रूद्र अभिषेक - 31 जुलाई से 31 अगस्त 2023
गणेश चतुर्थी व्रत विधि एवं मंत्र जाप
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी के नाम स्मरण के साथ ही पूजा का आरंभ होता है. इस दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के पश्चात ही पूजा का संकल्प लेते हुए अन्य कार्यों का आरंभ होता है. इस दिन के शुभ समय पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हुए. संकल्प मंत्र का जाप करने के बाद भगवान गणेश की षोडशोपचार आरती से पूजा करनी चाहिए. गणेश जी की मूर्ति पर दूब एवं अक्षत अर्पित करने चाहिए. ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करते हुए दूर्वा दल चढ़ाने चाहिए.
नाग पंचमी पर परिवार मे सुख एवं समृद्धि प्राप्ति करने का एक मात्र उत्तम दिन, घर बैठे कराएं पूजा नागवासुकि मंदिर, प्रयागराज - 21 अगस्त 2023
भगवान को भोग स्वरुप बूंदी के लड्डुओं या फिर मोदक का भोग लगाना चाहिए. ब्राह्मण को दान करना चाहिए. पूजा के प्रसाद को सभी में बांटना चाहिए.
पूजा में श्री गणेश स्त्रोत, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें. शाम के समय ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देने के बाद स्वयं भोजन करना चाहिए. यदि संभव हो तो इस दिन व्रत या उपवास भी करते हुए अगले दिन व्रत का पारण संपन्न करना चाहिए.
लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023
गणेश चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. आपकी किसी भी इच्छा को पूरा करने के लिए भगवान के आशीर्वाद को वरद कहा जाता है. जो भक्त चतुर्थी का व्रत करते हैं उन्हें भगवान गणेश ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं. गणेश चतुर्थी पूजन द्वारा शुभ गुणों का विकास होता है. व्यक्ति जीवन में खूब तरक्की करता है और उसे मनचाहा फल मिलता है.