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Home ›   Blogs Hindi ›   Saubhagya Sundari Vrat: What is Saubhagya Sundari Vrat, know the importance of worship

Saubhagya Sundari Vrat:  सौभाग्य सुंदरी व्रत क्या किया जाता है, जानिए पूजा का महत्व

my jyotish expert Updated 29 Nov 2023 12:11 PM IST
saubhagya sundari
saubhagya sundari - फोटो : Myjyotish
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सौभाग्य सुंदरी व्रत विवाहित जीवन के सुख एवं सौभाग्य की प्राप्ति हेतु किया जाता है. मार्गशीर्ष माह में आने वाली तृतीया तिथि का संबंध इस व्रत से है. सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन भक्त माता पार्वती और शिव की आराधना करते हैं. इस दिन को अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इस व्रत के प्रभाव द्वारा सुख एवं शांति पाने का विशेष समय है. यह व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस व्रत को विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं. 

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इस के अतिरिक्त अविवाहित कन्याएं भी इस व्रत को रख सकती हैं. इस व्रत को करने से तथा भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक दोष शांत हो जाते हैं. मनचाहा वर प्राप्त होता है. अगहन मास की तृतीया तिथि को महिलाएं सौभाग्य सुंदरी व्रत रखेंगी. 

सौभाग्य सुंदरी व्रत पौराणिक मान्यताएं 
धार्मिक कथाओं के अनुसार यह माता गौरी पार्वती के अवतरण का समय भी माना गया है. कथाओं के अनुसार इस समय पर ही माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी और भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त किया था. इस कारण से इस दिन किया जाने वाला व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला होता है. पूजा करते समय माता को सोलह प्रकार के श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए. इस दिन पर मेहंदी, महावर, कुमकुम, कुमकुम, कंगन, लाल चुनरी, वस्त्र, आभूषण, पुष्प आदि को जरूर पूजा में रखना चाहिए. 

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पूजा हेतु घी का दीपक जलाना चाहिए और  शाम के समय मंदिर में घी का दीपक जलाएं और प्राथना करें परिवार के कल्याण की तथा पूजा में किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए भगवान से क्षमा मांगें और जीवन के कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें.

सौभाग्य सुंदरी कथा
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. उनकी तपस्या का परिणाम ही था जो उन्हें शिव का साथ देता है. ऎसे में यह समय सभी के लिए विशेष बन जाता है. इस दिन पर सच्चे मन एवं तपस्या के दिन किया गया व्रत अत्यंत ही फलदायी होता है. जो भी इस व्रत का संकल्प लेता है और पूजा करता है, उसे देवी माँ का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष की तृतीया को सौभाग्य सुंदरी का व्रत और पूजन किया जाता है. इसमें महिलाएं संपूर्ण शृंगार करती हैं तथा शिव परिवार की पूजा करती हैं. शिव परिवार की पूजा से घर में धन और समृद्धि आती है.
 
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