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यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती से संबंधित है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और शाम को शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. विवाहित महिलाओं को उनकी सास सौभाग्य से जुड़ी चीजें देकर आशीर्वाद देती हैं. जिन विवाहित जोड़ों के बीच मतभेद होते हैं उन्हें इस दिन पर विशेष रुप से पूजा करने की सलाह दी जाती है.
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सौभाग्य सुंदरी व्रत पूजन
सौभाग्य सुंदरी पूजा में शिव मंदिर में जाकर पूजा करनी चाहिए और "ओम गौरीशंकराय नमः" ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः, ऊँ पार्वत्यै नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए.इस व्रत में रात्रि के चारों प्रहर में शिव-पार्वती की पूजा करने से व्रत का शीघ्र फल मिलता है. इस दिन विवाहित महिलाओं को श्रृंगार करना चाहिए और शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि इससे भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. पूजा हेतु मंत्र जाप भी अवश्य करने चाहिए.
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सौभाग्य सुंदरी व्रत कथा
सौभाग्य सुंदरी व्रत वैवाहिक जीवन के सुख को पाने का पर्व है. यह व्रत सौभाग्य में वृद्धि तथा कुल वृद्धि का सुख देता है. जीवन के सुखद रुप को पाने हेतु इस व्रत को किया जाता है. यह व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए अखंड सौभाग्य का सुख देने वाला होता है. इस व्रत को करने से विवाहित स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि होती है. इससे वैवाहिक दोष, विवाह न होना या उसमें देरी होना तथा मांगलिक दोष दूर होता है.
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सौभाग्य सुंदरी व्रत महिलाओं के लिए शुभ है. इस दिन माता सती ने अपनी कठोर साधना और तपस्या से भगवान शिव को प्राप्त करने का संकल्प लिया था, जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए. इसी तरह, पार्वती के रूप में अपने पुनर्जन्म में, उन्होंने शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की कठिन परीक्षा को फिर से सफलतापूर्वक पूरा किया, तभी भगवान ने उन्हें फिर से चुना और शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ, इसलिए यह व्रत सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्रदान करता है.