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Home ›   Blogs Hindi ›   Sankranti: Why is Bhadrapada Sankranti special and what is its importance?

Sankranti : भाद्रपद संक्रांति क्यों होती है विशेष और क्या है इसका महत्व

my jyotish expert Updated 18 Aug 2023 11:08 AM IST
Sankranti : भाद्रपद संक्रांति क्यों होती है विशेष और क्या है इसका महत्व
Sankranti : भाद्रपद संक्रांति क्यों होती है विशेष और क्या है इसका महत्व - फोटो : my jyotish
हिंदू धर्म में संक्रांति समय को दान स्नान एवं जप तप से जुड़े कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है. भाद्रपद संक्रांति भी उनमें से एक होती जब सूर्य की शुभता सभी को समान रुप से प्राप्त होती है. इस संक्रांति के दिन सूर्य देव के साथ-साथ भगवान विष्णु का पूजन होता है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का सभी बारह राशियों में जाने का समय संक्रांति के रुप में जाना जाता है. सूर्य बारी-बारी से प्रत्येक राशि में गोचर करते हैं. ऐसे ही बहुत जल्द सूर्य सिंह राशि में गोचर करेगा. सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. सूर्य का प्रवेश सिंह राशि में होने वाला है इसलिए इस दिन को भाद्रपद संक्रांति के रूप में भीमनाया जाता है. हिंदू धर्म में सभी संक्रांतियों को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. भाद्रपद संक्रांति भी उनमें से एक है, संक्रांति के दिन सूर्य देव के साथ-साथ भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की पूजा का भी विधान है. ऐसे में आइए जानते हैं भाद्रपद संक्रांति का महत्व.
 
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भाद्रपद संक्रांति कब मनाई जाती है और इसका महत्व 
सौर गणना के अनुसार जब सूर्य कर्क से निकल कर सिंह में प्रवेश पाता है तो उसे भाद्रपद संक्रांति का त्योहार कहा जाता है. इस दिन सूर्यदेव सिंह राशि में प्रवेश करता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्रपद संक्रांति का पुण्य काल दान स्नान के लिए विशेष माना जाता है. इस समय पर सूर्य की गति अब अपनी राशि को पाति है. यहां आने पर सूर्य के प्रभाव में वृद्धि होती है. इस के प्रभाव से जिनकी कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ होती है उन्हें कई तरह के सकारात्मक प्रभाव भी दिखाई देते हैं. यह एक माह का समय होता है जब सूर्य अपनी स्वराशि में प्रबल स्थिति में होता है. 

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भाद्रपद संक्रांति का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सिंह संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना विशेष पुण्यदायी माना जाता है. इस दिन नारियल के पानी और दूध से भगवान विष्णु और भगवान नरसिम्हा का अभिषेक करने का भी विधान भी माना गया है. भाद्रपद संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान आदि करने से पुण्य फल मिलता है. ऐसा माना जाता है कि इस संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने से जहां एक व्यक्ति को सूर्य के शुभ फल प्राप्त होते हैं. किस्मत भी चमकती है. 

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इस दिन भगवान विष्णु और भगवान नरसिंह की पूजा करने से व्यक्ति को सफलता का वरदान मिलता है. भाद्रपद संक्रांति के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को भगवान नरसिम्हा अपने प्रतिद्वंद्वी पर हमेशा विजय पाने का आशीर्वाद देते हैं.
 
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