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Home ›   Blogs Hindi ›   Sankashti Chaturthi 2023: Margashirsha Sankashti Chaturthi, know the method and importance of worship

Sankashti Chaturthi 2023:  मार्गशीर्ष संकष्टी चतुर्थी, जानें पूजा का विधि और महत्व

my jyotish expert Updated 30 Nov 2023 10:08 AM IST
ganesh chaturthi
ganesh chaturthi - फोटो : my jyotish
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हिंदू धर्म में हर साल मार्गशीर्ष मास की चतुर्थी तिथि को गणधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. गणेश पूजा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ की जाती है. हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी में गणेश व्रत उपासना का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन बप्पा की विधि-विधान से पूजा की जाती है. चतुर्थी का समय भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है.

गणेश चतुर्थी को पूजा-अर्चना के लिए बहुत खास माना जाता है. इस दिन भगवान गणेश की सेवा करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. चतुर्थी के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना बहुत लाभकारी माना जाता है.

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गणेश चतुर्थी पर करें भगवान गणेश मंत्र जाप 
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

" दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्.
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥" 

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" ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश.
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश .." 

"श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥"

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गणेश चतुर्थी पूजा 
यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है. हिंदू धर्म में पूजे जाने वाले प्रथम देवता भगवान गणपति हैं. हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है और मार्गशीर्ष माह में ऐसा संयोग बन रहा है कि इस माह का प्रथम दिवस रुप में भगवान गणेश का पूजन आरंभ होगा.हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी या गणाधिप चतुर्थी मनाई जाती है.  गणेश चतुर्थी के समय पर पूजा हेतु प्रात:काल से ही पूजन आरंभ होता है. इस दिन स्नान करने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और भगवान गणेश की पूजा और व्रत का संकल्प लिया जाता है. 

पूजा घर में एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने के पश्चात पूजन किया जाता है. भगवान गणेश को कुमकुम, अक्षत, दूर्वा, रोली, मिठाई आदि वस्तुएं अर्पित करते हुए पूजा की जाती है तथा भगवान के मंत्र एवं नाम स्मरण द्वारा पूजा व्रत संपन्न होता है.  भगवान का पूजन सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने वाला होता है.
 
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