myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Sankashti Chaturthi 2023: Ekdant Sankashti Chaturthi fast will be observed on this day, know the method of wor

Sankashti Chaturthi 2023: इस दिन रखा जायेगा एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत, जानें पूजा विधि

my jyotish expert Updated 09 May 2023 02:33 PM IST
Sankashti Chaturthi 2023: इस दिन रखा जायेगा एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत, जानें पूजा विधि
Sankashti Chaturthi 2023: इस दिन रखा जायेगा एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत, जानें पूजा विधि - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन
पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास के कृष्ण और शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. इस बार यह तिथि 08 मई 2023, सोमवार को पड़ रही है. इस दिन व्रत रखने और भगवान गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं. 

आज ही करें बात देश के जानें - माने ज्योतिषियों से और पाएं अपनीहर परेशानी का हल

यदि आपके कार्यों में किसी तरह की अड़चन आ रही है, तो वह भी गणपति की कृपा से दूर हो जाता है. इस पावन तिथि पर गजानन की आराधना करने से न साधक को न सिर्फ ऐश्वर्य बल्कि सुख-सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है. 

एकदंत संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
गणपति का पूजा का शुभ फल प्रदान करने वाला एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत इस साल 08 मई 2023 को मनाया जाएगा.पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 08 मई 2023 को शाम को 06:18 बजे से प्रारंभ होकर 09 मई 2023 को शाम के समय 04:08 बजे तक रहेगी. पंचांग के अनुसार एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा रात्रि 10:04 बजे होगा.

संकष्टी चतुर्थी का धार्मिक महत्व
एकदंत संकष्टी चतुर्थी का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है. इस दिन गणेश भगवान की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. अपनी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए इस दिन व्रत रखने का भी विधान है. 

एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत सुख-सौभाग्य दिलाता है.यदि आप संतान प्राप्ति का सुख भोगना चाहते हैं तो भी इस दिन विधि-विधान से गणेश भगवान की पूजा करें.

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
इस दिन तम-मन से पवित्र होकर गणपति की पूजा प्रारंभ करनी चाहिए.पूजा प्रारंभ करने से पहले पूजा स्थल और अपने मंदिर की सफाई अच्छे से करे लें, इसके बाद ही पूजा शुरू करें. सबसे पहले हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें. 

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

इसके बाद गणेश भगवान की मूर्ति या पोस्टर पर हल्दी का तिलक लगाएं और उन पर दूर्वा, फूल और माला अर्पित करें. यदि संभव हो तो पूजा के दौरान घी का दीपक जलाएं. आखिर में व्रत कथा पढ़ें और गणेश भगवान की आरती करें.
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
X