Sai Baba Reiki
- फोटो : my jyotish
रेकी एक ऎसी विद्या है जो ईश्वर की ऊर्जा का स्वरुप मानी जाती है. यह रेकी ऊर्जा हम सभी के भीतर प्रवाहित होती रहती है तथा प्रत्येक प्राणी के भीतर इसका समावेश होता है. जीवन के कष्टों एवं तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण हम उससे दूर होते चले जाते हैं यह ऊर्जा कम या अधिक होकर जब प्रवाहित होती है तब हम इससे प्रभावित होते हैं. आधुनिक चिकित्सकों की सहायता से यह विकसित होती चली गई है. यह साईं रेकी और करुणा रेकी में विभाजित देखी जा सकती है. इसके अलावा इस पर कई रेकी विचारकों ने अपने अनुसार कार्य भी किया. जिस पर कई तरह के विवाद भी मौजूद रहे.
सर्वपितृ अमावस्या पर हरिद्वार में कराएं ब्राह्मण भोज, दूर होंगी पितृ दोष से उत्पन्न समस्त कष्ट - 14 अक्टूबर 2023
साईं बाबा का रेकी प्रतीक विचार
साईं बाबा रेकी के संदर्भ में कई लोगों का नाम आता है. इन सभी के अनुभव इस रेकी से संबंध बनाते हैं. जब कुछ रेकी विचारक भारत की यात्रा करते हैं तो उन्हें साईं बाबा के अनुभव होते हैं. इसमें एक जब मार्सी भारत से लौटीं, तो उनकी मुलाकात होल लाइफ एक्सपो में कैथलीन से हुई. उन्होंने घोषणा की कि ध्यान में, साईं बाबा ने उन्हें बताया था कि कुछ प्रतीक और आधे से अधिक दीक्षा प्रक्रिया अभी करनी बाकी है. कैथलीन ने कहा कि सत्य साईं बाबा ने उन्हें फिर से दर्शन दिए, और उन्हें आगे बढ़ाने तथा बेहतर रुप में स्थापित करने का निर्देश दिया. कैथलीन ने अपने कुछ इच्छुक छात्रों को इस ऊर्जा में फिर से शामिल करने का फैसला किया.
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 29 सितम्बर - 14 अक्टूबर 2023
इसके अलावा विलियम रैंड एक विशेष रेकी प्रशिक्षक थे जो साईं बाबा रेकी के भविष्य के पथ को प्रभावित करते हैं. विलियम रैंड कहते हैं कि उन्होंने अपने रेकी अभ्यास में अन्य प्रतीकों का प्रयोग करना और उन्हें शामिल करना शुरू कर दिया था. साईं बाबा प्रतीकों और अनुकूलन प्रक्रियाओं से अवगत होने पर साईं बाबा के शिक्षक और चीगोंग मास्टर ग्लेन डेरिक ने विलियम रैंड के साथ काम करना शुरू किया. कई अन्य रेकी मास्टर्स, अपने अभ्यास को उसुई रेकी से अलग करना चाहते थे और उन्होंने इस बदली हुई प्रणाली को साईं बाबा रेकी नाम से सिखाने का फैसला किया जिसका कुछ स्रोतों से पता चलता है.
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न - 14 अक्टूबर 2023
साईं रेकी का प्रभाव कई लोगों पर रहा है और इसमें नई तकनीकों द्वारा रेकी को उपयोग में लाया जाता रहा है. किंतु रेकी की यह विद्या जीवन में आध्यात्मिक जागरण एवं जीवन को आण्दमय करने का एक विशेष साधन बनी है.