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Home ›   Blogs Hindi ›   Rishi Panchami 2023: Rishi Panchami fast is the time for freedom from all sins, know its importance.

Rishi Panchami 2023 : ऋषि पंचमी व्रत सभी पापों से मुक्ति का समय है जानें इसका महात्म्य

Acharyaa RajRani Updated 20 Sep 2023 10:12 AM IST
Rishi Panchami
Rishi Panchami - फोटो : Myjyotish

ऋषि पंचमी का व्रत इस भाद्रपद माह के शुक्ल पंचमी के दिन किया जाता है. इस व्रत के दिन ऋषि पूजन के साथ साथ भगवान श्री विष्णु का पूजन किया जाता है. इस दिन को बेहदखास माना गया है मान्यता है कि यह व्रत विशेष रूप से जाने अंजाने में की जाने वाली गलतियों अपराधों से मुक्ति पाने के लिए उत्तम होता है. खती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऋषि पंचमी को भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. 

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ऋषि पंचमी पर होती है सप्तऋषियों की पूजा 
इस व्रत में सप्तर्षियों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस व्रत में महिलाएं व्रत रखती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी महिला व्रत रखती है वह सभी पापों से मुक्त हो जाती है. साथ ही उन्हें सप्तर्षियों का आशीर्वाद भी मिलता है. इस दिन लोग आमतौर पर दही और साठी चावल खाते हैं, नमक का प्रयोग वर्जित है. इस व्रत में हल से जुते हुए खेत से निकली सभी वस्तुएं वर्जित मानी जाती हैं, इसलिए खेत की वस्तुएं फल के रूप में भी नहीं खानी चाहिए.

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ऋषि पंचमी का शुभ समय और पूजा विधि 
पंचांग के अनुसार ऋषि पंचमी इस वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन सप्तर्षियों की पूजा की जाती है.  इस दिन प्रात:काल समय उठ स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए. इसके बाद किसी साफ स्थान पर हल्दी, कुमकुम और रोली से घेरा बनाएं और सप्त ऋषियों को स्थापित करना चाहिए.

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ऋषि पंचमी का त्योहार हमारे पौराणिक ऋषियों वशिष्ठ, कश्यप, विश्वामित्र, अत्रि, जमदग्नि, गौतम और भारद्वाज की पूजा के लिए विशेष माना जाता है.

ऋषि पंचमी मंत्र उपासना 
इस समय पर इस मंत्र का जाप करना शुभ होता है " कश्यपोत्रिर्भारद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतम. जमदग्निर्वासिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः" मंत्र से सप्तर्षियों का पूजन करना चाहिए. इसके बाद सप्त ऋषियों को अर्घ्य देना चाहिए. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत में सप्त ऋषियों की विशेष पूजा की जाती है.

इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना भी करती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति को अपने जाने अंजाने में किए गए पापों से मुक्ति प्राप्त होती है. 
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