रेकी को एक बेहद कारगर चिकित्सा पद्धिति के रुप में देखा जाता है. रेकी जैसे जैसे अपनी प्रगति पर है उसके अनेकों प्रभाव जीवन पर पड़ते चले जाते हैं. रेकी एक ऎसी आध्यात्मिक एवं मानसिक चिकित्सा है जो उर्जाओं के द्वारा व्यक्ति को जागृत करती है. व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास के साथ साथ उत्साह का संचार करती है. आज के समय में जब छोटी छोटी परेशानियां भी इतनी बड़ी लगने लगती हैं कि कइ बार हम उनका सामना नही कर पाते हैं तो उस समय पर भी रेकी हमें इन स्थितियों से बचाने में सहायक बनती है.
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रेकी का उपयोग व्यक्ति रोग एवं व्याधियों से बचाव के लिए भी बेहद खास माना गया है. आज के समय में जहां विज्ञान तकनीक इतनी उन्नत हो गई है कि अब लगभग हर बीमारी, रोग और स्वास्थ्य संबंधी समस्या का कोई न कोई उपचार उपलब्ध है. वहीं उपचार जगत के पास कई नए उपचार विकल्प भी मौजूड हैं. यह कुछ सुरक्षित और सहायक लाभ प्रदान करने में बहुत सहायक होते हैं. वहीं चिकित्सकीय रूप में इन पूरक वैकल्पिक उपचारों में से एक है रेकी भी है.
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क्यों है रेकी वैकल्पिक चिकित्सा का एक रूप
रेकी को आमतौर पर ऊर्जा के द्वारा किए जाने वाले उपचार से जुड़ा माना गया है. रेकी का उपयोग आमतौर पर नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने, आराम और विश्राम प्राप्त करने हेतु होता है. आत्मिक रुप से थकान को दूर करने, मन को मजबूती एवं उत्साह देने के लिए यह बहुत उन्नत थेरपी भी मानी जाती है. मन और आत्मा को शुद्ध करने के लिए यह एक अत्यंत ही कारगर उपचार भी माना जाता है. कई मामलों में बहुत से लोग यह नहीं जानते कि रेकी का उपयोग एक पूरक वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में भी किया जा सकता है.
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रेकी की स्थापना एक चिकित्सक और बौद्ध भिक्षु डॉ. मिकाओ उसुई द्वारा की गई थी. इसमें सिर के शीर्ष से लेकर पैरों के तलवों तक शरीर के विभिन्न हिस्सों में ऊर्जा को संतुलित करने का प्रयास किया जाता है जिसमें स्पर्श की अनुभूति भी शामिल है. उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर को संतुलन में लाने के लिए ऊर्जा की कहां आवश्यकता अधिक है.
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रेकी एक शुद्ध, स्वच्छ, सकारात्मक ऊर्जा का माध्यम बन जाती है. यह ब्रह्मांड के ऊर्जा स्रोत से स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होती है. रेकी के माध्यम से नकारात्मक ऊर्जा को बदलने के लिए उपचारात्मक सकारात्मक अपना विशेष काम करती है. यही रेकी की सबसे बड़ी कामयाबी है जो चिकित्सा के रुप में हर प्रकार से शरीर को संतुलित एवं ऊर्जावान बनाती है.