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Home ›   Blogs Hindi ›   Ravi Pradosh Vrat 2023: The second Pradosh Vrat of more months will be fulfilled by worshiping Shiva

Ravi Pradosh Vrat 2023:अधिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत शिव पूजा से होंगे मनोरथ पूरे

my jyotish expert Updated 05 Aug 2023 12:11 PM IST
Ravi Pradosh Vrat 2023:अधिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत शिव पूजा से होंगे मनोरथ पूरे
Ravi Pradosh Vrat 2023:अधिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत शिव पूजा से होंगे मनोरथ पूरे - फोटो : google
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सावन माह का समय है ओर इस समय की हर तिथि का दिन बहुत महत्व पूर्ण होता है. पर अभी सावन के साथ ही अधिकमास भी चल रहा है तो यह प्रभाव में वृद्धि करने वाला समय होता है. इस समय सावन माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है. त्रयोदशी तिथि पर अधिक मास का यह दूसरा प्रदोष आने वाला है. यह इस सावन का तीसरा प्रदोष व्रत भी होगा. इस बार आने वाला प्रदोष व्रत रविवार को पड़ने वाला है. यह रवि प्रदोष व्रत के रुप में पूजा जाएगा. 
 
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रवि प्रदोष व्रत के द्वारा आरोग्य  की प्राप्ति होती है तथा रोगों से मुक्ति मिलती है. इसके द्वारा व्यक्ति मान सम्मान को भी पाता है. अधिक मास के प्रदोष व्रत में शिव की पूजा की जाती है. अधिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत व्यक्ति को भक्ति एवं सिद्धियों को प्रदान करने वाला होता है. शिव पूजा का प्रदोष मुहूर्त जीवन में सभी सुखों का आगमन देता है. इस समय शुभ संयोग बन रहे हैं जो भक्तों को बहुत कुछ देने वाले होंगे. 

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अधिक मास 2023 तिथि मुहूर्त समय 
अधिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत अधिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा. अधिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को अधिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत होगा.  कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 13 अगस्त को सुबह 08:19 बजे होने वाला है. शिव पूजा के समय सिद्धि योग और पुनर्वसु नक्षत्र का शुभ संयोग बनने वाले हैं. शिव पूजा का शुभ समय शाम 07:03 मिनट से प्राप्त होगा. इस समय पर भगवान की पूजा द्वारा शिव शीघ्र प्रसन्न होंगे तथा सुखों की वृद्धि होगी. 
 
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अधिकमास प्रदोष नक्षत्र पूजा महत्व  
अधिक मास के दूसरे प्रदोष व्रत पर शिव पूजा के समय सिद्धि योग और पुनर्वसु नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है. इन दोनों की स्थिति ही शुभ फलदायी रहने वाली है. पुनर्वसु नक्षत्र धन, मान, सम्मान और प्रसिद्धि देने वाला है और इसका स्वामी बृहस्पति है. वहीं सिद्धि योग में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त होता है. इस समय पर किए जाने वाले कार्य अत्यंत ही शुभ परिणाम देंगे. छात्रों के लिए यह समय अपनी विद्या में प्रगति को पाने के लिए भी उत्तम है. इस दिन रवि प्रदोष के दिन दोपहर 03:56 बजे से सिद्धि योग बन रहा है, जो अगले दिन तक रहेगा. यह समय पूजा को सिद्ध कर देने वाला होगा.
 
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