खास बातें
Rath Saptami 2024 : रथ सप्तमी के दिन सूर्य मंत्र का जाप दूर करेगा रोग दोषSurya Saptami : माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि रथ सप्तमी के रुप में मनाई जाती है.रथ सप्तमी के दिन को सुख समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है.
Rath Saptami 2024 : रथ सप्तमी के दिन सूर्य मंत्र का जाप दूर करेगा रोग दोष
Surya Saptami : माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि रथ सप्तमी के रुप में मनाई जाती है.रथ सप्तमी के दिन को सुख समृद्धि प्रदान करने वाला माना गया है. इस दिन सूर्य उपासना के साथ मंत्र जाप करना सुख प्रदान करने वाले होते हैं.
Rath Saptami Vrat : सूर्य सप्तमी के दिन सूर्य की उत्पत्ति का संबंध भी रहा है. पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रह्माण्ड में प्रकाशित होने वाले सूर्य देव की पूजा का विधान शुभ फलों को प्रदान करने वाला माना गया है.
सूर्य सप्तमी के दिन माना जाता है कि इस दिन सूर्य की पूजा और मंत्रों का जाप करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन सूर्य देव की साधना एवं शुभ प्रभाव जीवन को सुख प्रदान करने वाले होते हैं. सूर्य साधना में इस दिन प्रात:काल समय से ही कार्यों का आरंभ करना चाहिए तथा सूर्य को अर्घ्य प्रदान करना एवं पूजा करना जीवन को सुखमय प्रदान करने वाला होता है.
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रथ सप्तमी का शास्त्रीय प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में भगवान सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा गया है. रथ सप्तमी का व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रखा जाता है. सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में यश और वैभव की प्राप्ति होती है. इस दिन सूर्य नारायण की पूजा करने की परंपरा है जिसके द्वारा हर काम में सफलता ही मिलती है तथा इससे घर में सुख-शांति आती है. ग्रंथों के अनुसार, रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी , अचला सप्तमी, सूर्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सूर्य देवता को जल अर्पित करने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस दौरान मंत्रों का उच्चारण करने से सूर्य का तेज बल प्रदान मिलता है.रथ सप्तमी पूजा 2024
रथ सप्तमी के दिन सूर्य देवता की विधि विधान से पूजा करते हैं. इस शुभ दिन पर सूर्योदय से पहले उठना प्रथम नियम होता है. इसके बाद स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करना चाहिए. सूर्य देवता के मंत्रों का जाप करना चाहिए. इस शुभ दिन सूर्य देव की विशेष पूजा होती है. रथ सप्तमी के दिन व्रत करने का विधान भी है. इस दिन सुबह और शाम को सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. इससे सूर्य देव की पूजा होती है. सूर्य उपासना द्वारा भक्तों को आशीर्वाद मिलता है. सूर्य पूजन के लिए लाल चंदन और लाल फूल अवश्य सामग्री के रुप में रखना चाहिए. इस दिन दीपक प्रज्जवलित करना चाहिए. जल लेकर एक चुटकी लाल चंदन का पाउडर और लाल फूल भी मिला कर अर्घ्य अवश्य देना चाहिए. ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए सूर्य पूजन करना विशेष होता है.गुप्त नवरात्रि में कराएँ मां दुर्गा सप्तशती का अमूल्य पाठ, घर बैठे पूजन से मिलेगा सर्वस्व 10 फरवरी -18 फरवरी 2024
सूर्य देवता के मंत्र
भगवान सूर्य देवता की पूजा और आराधना का विशेष महत्व है. भगवान सूर्य को तेज और सकारात्मक शक्ति का देवता भी कहा जाता है. सूर्य पूजन के लिए कुछ महत्वपूर्ण मंत्र हैं. इन मंत्रों का जाप करने से सूर्य की कृपा हमेशा हमारे साथ बनी रहती है. यह मंत्र नित्य प्रातः काल या साये काल में जप करने से सूर्य की कृपा सदैव हमारे साथ रहती है. सूर्य की कृपा से हमें स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, बुद्धि और सफलता मिलती है.धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, जीवन में सफलता पाने के लिए सूर्य देवता को प्रतिदिन प्रातः जल निर्भय करने के साथ ही मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए. ऐसा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
ॐ घृणि: सूर्यादित्योम, ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री, ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:, ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:..