खास बातें
rang panchami puja होली के बाद आने वाला रंग पंचमी पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. रंग पंचमी पूजा से मिलता है सुख समृद्धि का आशीर्वाद, Radha Krishna puja के साथ इस rang panchami festival के श्री लक्ष्मी जी की पूजा होती है.रंग पंचमी पूजा मुहूर्त के समय लक्ष्मी जी के साथ श्री विष्णु पूजन होता है. rang panchami puja में मंत्र, Lakshmiji Puja Mantra के साथ श्री विष्णु स्त्रोत मंत्र जाप करना उत्तम फल प्रदान करता है. इस दिन रंग पंचमी व्रत के साथ साथ विभिन्न प्रकार से पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं.
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रंग पंचमी मुहूर्त 2024 rang panchami 2024 date
भारतीय पंचांग india calendar अनुसार रंग पंचमी rang panchami 30 मार्च 2024 को को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है. इसी के साथ श्री विष्णु लक्ष्मी जी का पूजन शास्त्रों में निहित है. भगवान पूजा करने से साधक की सभी इच्छाएं शीघ्र पूरी हो जाती हैं. इस दिन किया पूजन सुखी जीवन के साथ दांपत्य जीवन में सुख, समृद्धि और शांति को प्रदान करता है. इस शुभ दिवस पर भक्त भक्ति भाव से भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं. पूजा पाठ करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं.टैरो कार्ड रीडिंग भविष्यवाणी: https://www.myjyotish.com/tarot-card
रंग पंचमी क्यों मनाई जाती है होली के बाद ? rang panchami importance
शास्त्रों में बताया गया है कि रंगपंचमी के दिन पालनकर्ता भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा जी की पूजा करने का विधान है. इस पूजन से साधक की सभी मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी हो जाती हैं. इसी के साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है. अगर आप भी श्रीजी की कृपा का भागी बनना चाहते हैं तो रंग पंचमी पूजा के दौरान राधा कृष्ण स्त्रोत का पाठ जरूर करें.सनातन धर्म में रंग पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है. रंगों से पूजन होता है. रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी हो जाती हैं.भक्त भक्ति भाव से भगवान श्रीकृष्ण और राशा रानी समेत श्री लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना करते हैं.
रंग पंचमी पूजा मंत्र स्त्रोत
रंग पंचमी पूजा होली के बाद आने वाला रंग पंचमी का त्यौहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. रंग पंचमी पूजा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. इस रंग पंचमी उत्सव में राधा कृष्ण पूजा के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा श्री को प्रदान करने वाली होती है.पूजा बुक करें!: https://www.myjyotish.com/astrology-services/puja
रंग पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त के समय देवी लक्ष्मी के साथ श्री विष्णु की भी पूजा की जाती है. रंग पंचमी पूजा में लक्ष्मीजी पूजा मंत्र के साथ श्री विष्णु स्तोत्र मंत्र का जाप करने से सर्वोत्तम परिणाम मिलते हैं. इस दिन रंग पंचमी व्रत के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की पूजा-अर्चना की जाती है.
राधा कृष्ण स्तोत्र
सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम् ॥
राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं वल्लवीसुतम् .
राधा सेवित पादाब्जं राधा वक्षस्थल स्थितम् ॥
राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम् .
राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम् ॥
राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभम् .
राधासहचरं शश्वत् राधाज्ञापरिपालकम् ॥
ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धाः सिद्धेश्वराश्च यम् .
तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम् ॥
निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम् .
नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम् ॥
यः सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम् .
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ॥
बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम् .
वेदवेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम् ॥
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् .
गन्धर्वेण कृतं स्तोत्रं यः पठेत् प्रयतः शुचिः .
इहैव जीवन्मुक्तश्च परं याति परां गतिम् ॥
हरिभक्तिं हरेर्दास्यं गोलोकं च निरामयम् .
पार्षदप्रवरत्वं च लभते नात्र संशयः ॥