Raksha Bandhan 2023: ज्योतिष अनुसार रक्षाबंधन पर किन बातों का रखें ख्याल और क्यों किया जाता है भद्रा का विचार
- फोटो : my jyotish
रक्षाबंधन का दिन भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है. यह एक अत्यंत ही शुभ समय होता है. इस समय के दौरान हर चीज को यदि शुभता से किया जाए तो उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम और प्रगाढ़ रिश्ते को मनाने का त्यौहार है. श्रावण पूर्णिमा के दिन आने वाले इस पर्व पर ज्योतिषियों की निगाह भी रहती है. इस दिन पर हर साल राखी पर भद्रा का साया पड़ता है. लेकिन भद्रा के कारण इसकी चमक फीकी पड़ रही है. इस बार भी रक्षाबंधन पर पूरे दिन भद्रा का साया रहेगा और इस वजह से यह त्योहार रात में मनाया जाएगा जो काफी विशेष स्थिति पर होगा.
जन्माष्टमी स्पेशल : वृन्दावन बिहारी जी का माखन मिश्री भोग - 06 सितम्बर 2023
भद्रा कौन है और उसे अशुभ क्यों माना जाता है. ज्योतिष में इस दिन को लेकर किन बातों का ध्यान रखते हुए कार्य करना अनुकूल होता है, आइये जानें इन सभी के विषय में विस्तार से और इसका शुभ प्रभाव कैसे बनाएगा हमारे जीवन को सफल.
सौभाग्य पूर्ण श्रावण माह के सावन पर समस्त इच्छाओं की पूर्ति हेतु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं में कराए रूद्र अभिषेक - 31 जुलाई से 31 अगस्त 2023
ज्योतिष अनुसार पंचांग का एक अंग है भद्रा
धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा को भगवान सूर्य और छाया की पुत्री हैं तथा शनिदेव की बहन हैं. भद्रा का स्वभाव भी बहुत कठोर माना जाता है. जब सूर्यदेव ने भद्रा पर नियंत्रण पाने के लिए ब्रह्माजी से मदद मांगी. तब ब्रह्मा जी ने उन्हें पंचांग के एक अंग “ करण” में स्थान दिया और तब से मुहूर्त निकालते समय भद्रा का विशेष विचार किया जाता है.
भद्रा स्वभाव से अनियंत्रित थी, इसलिए भद्रा काल के दौरान कोई भी शुभ करना अनुकूल नहीं माना गया है. इस समय किए जाने वाले शुभ कामों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष अनुसार भद्रा जिस लोक में रहती है वहीं पर उसका असर सबसे अधिक रहता है.आज 30 अगस्त को रक्षाबंधन के समय चंद्रमा कुंभ राशि में होने से भद्रा रहेगी. इसलिए भद्रा समाप्त होने के बाद ही राखी बांधना उचित रहेगा.
लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023
ज्योतिष अनुसार राखी पर चीजों का होना होता है शुभ
इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं, वह अपनी थाली को यदि इस तरह से सजाती हैं तो अपने भाई के लिए ओर अपने रिश्तों के लिए शुभता देने वाली होती है. जिस थाली से वह अपने भाई की आरती उतारती हैं, उसे सजाती भी हैं. राखी के लिए तैयार की चीजों में तिलक, कुमकुम और साबुत अक्षत, गंगाजल, घी का दीपक, हल्दी, मिष्ठान, नारियल, रक्षा सूत्र को अवश्य थाली में रखना चाहिए.
पूर्व दिशा को रक्षाबंधन के लिए शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राखी बांधते समय इसी दिशा को ध्यान में रखना चाहिए. बहनों का चेहरा पश्चिम दिशा में होना चाहिए और भाई का चेहरा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए और तब राखी का पर्व मनाना चाहिए.
जन्माष्टमी पर कराएं वृन्दावन के बिहारी जी का सामूहिक महाभिषेक एवं 56 भोग, होंगी समस्त कामनाएं पूर्ण - 06 सितम्बर 2023