Putrada Ekadashi 2023: सावन की पुत्रदा एकादशी कब है? संतान सुख के लिए उत्तम है यह व्रत
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सावन माह की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के रुप में भी माना जाता है. सावन की पुत्रदा एकादशी इस वर्ष 27 अगस्त के दिन मनाई जाएगी. अपने नाम अनुसार यह व्रत संतान सुख की प्राप्ति हेतु बहुत ही शुभ माना जाता है. इस समय पर भगवान श्री विष्णु का पूजन करने के साथ साथ भगवान शिव क अपूजन किया जाता है. यह व्रत संतान सुख के लिए किया जाता है. इस दिन व्रत करने से स्वास्थ्य समस्याओं से भी मुक्ति प्राप्त होती है.
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इस दिन किया जाने वाला व्रत समस्त सुखों को प्रदान करने वाला होता है. इस दिन व्रत के शुभ प्रभावों को पाने हेतु कुछ उपाय करने बेहद लाभ प्रदान करते हैं. श्री विष्णु पूजा में भगवान का पंचामृत से अभिषेक करना बहुत उत्तम होता है. इस दिन भगवान के लड्डू गोपाल पूजन को करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
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सावन पुत्रदा एकादशी 2023 मुहूर्त
सावन पुत्रदा एकादशी का समय पंचांग के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन होगा. 26 अगस्त 2023, 24:08 मिनट पर होगी. वहीं, इसका समापन 27 अगस्त को रात्रि 21:32 मिनट पर होगा. सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन श्रावण पुत्रदा एकादशी पर व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति का सुख भी मिलता है. इस एकादशी को बैकुंठ एकादशी के रुप में जाना जाता है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत करता है उसे वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य फल मिलता है. इसके अलावा इस व्रत के पुण्य प्रभाव से भक्तों को संतान प्राप्ति का वरदान भी मिलता है.
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श्रावण पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि
इस बार सावन की पुत्रदा एकादशी 27 अगस्त, रविवार को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े धारण करके सूर्य उपासना करें. भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने घी का दीपक जलना चाहिए. पूजा में तुलसी, फल-फूल और तिल का प्रयोग करना चाहिए. यह व्रत निराहार रहकर किया जाता है. शाम को पूजा के बाद फल ग्रहण कर सकते हैं. इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना बहुत अच्छा होता है. इससे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. एकादशी पर रात्रि जागरण का बहुत महत्व है. इस दिन रात्रि जागरण करके भजन-कीर्तन करना चाहिए. द्वादशी तिथि के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दान-दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए.