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Home ›   Blogs Hindi ›   Purshottami Amavasya: The new moon day of Adhikamas is a very special time to offer prayers to the ancestors.

Purshottami Amavasya: अधिकमास की अमावस्या पितरों के तर्पण करने का बेहद विशेष समय

my jyotish Updated 16 Aug 2023 11:08 AM IST
Purshottami Amavasya: अधिकमास की अमावस्या पितरों के तर्पण करने का बेहद विशेष समय
Purshottami Amavasya: अधिकमास की अमावस्या पितरों के तर्पण करने का बेहद विशेष समय - फोटो : google

 अधिकमास में पड़ने वाली अमावस्या को मलमास की अमावस्या या पुरूषोत्तम अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. कई साल में आने वाली इस अमावस्या के दिन तर्पण का समय भी बेहद विशेष होता है.  सावन का पवित्र महीना चल रहा है और इस महीने में अधिकमास का संयोग भी प्राप्त हुआ है. कई व्रत और त्योहार मनाते हुए अधिकमास से संबंधित अमावस्या का समय भी इस दौरान काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. पंचांग के अनुसार इस बार सावन एक नहीं बल्कि दो महीने मनाया जा रहा है, जिसके कारण इस बार आने वाली अधिक मास अमावस्या के दिन किए जाने वाले पितृ कार्य अत्यंत विशेष फल प्रदान करते हैं. 

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धर्म ग्रंथौं के अनुसार अधिकमास में पड़ने वाली अमावस्या को मलमास की अमावस्या या पुरूषोत्तम अमावस्या कहा जाता है. इस अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा भी की जा सकती है और साथ ही श्री विष्णु पूजन होता है.  इस साल 16 अगस्त, बुधवार को मलमास की अमावस्या पड़ रही है. अमावस्या को पितरों को तर्पण करने के लिए विशेष माना जाता है और इस दिन लोग पितृ दोष दूर करने का भी प्रयास करते हैं.
 
पुरूषोत्तम अमावस्या पर पितृ दोष का निवारण
पंचांग के अनुसार अधिकमास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 15 अगस्त को दोपहर 12:42 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 16 अगस्त को दोपहर 3:07 बजे तक रहेगी. इसके बाद सावन का शुक्ल पक्ष शुरू हो जाएगा. मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं और अपने वंश से संतुष्ट होने की कामना करते हैं. इसी कारण से अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण की विशेष मान्यता है.

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धार्मिक ग्रंथों एवं ज्योतीष शास्त्र अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जब पूर्वज नाराज हो जाते हैं या घर के लोगों से नाराज हो जाते हैं तो कुंडली में पितृ दोष होता है. ऐसे में पितृ दोष को दूर करने के लिए इस पुरूषोत्तम अमावस्या पर कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जिससे पितृ दोष दूर हो जाएगा.

मान्यता के अनुसार पितृ दोष को दूर करने के लिए पुरूषोत्तम अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा की जा सकती है. शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ा सकते हैं. मान्यता के अनुसार, शिवलिंग पर चांदी का नाग चढ़ाने से भी सर्प दोष दूर हो जाता है.

शिवलिंग पर भस्म चढ़ाने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. मान्यता के अनुसार पितृ दोष दूर करने के लिए पीतल के दीपक में सरसों का तेल जलाने से पितृ शांति मिलती है. 
 
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