bhadrapada purnima vrat
- फोटो : my jyotish
पूर्णिमा का समय सत्यनारायण पूजन के साथ साथ चंद्र देव के पूजन के लिए भी उत्तम समय माना जाता है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को जल देने से किसी भी व्यक्ति की सोई हुई किस्मत भी चमक जाती है. इस दिन विष्णु लक्ष्मी पूजा के द्वारा भाग्य के बंद दरवाजे खुलने लगते हैं. पुराणौं के अनुसार पूर्णिमा के दिन भगवान चंद्रमा को जल चढ़ाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से बल, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की प्राप्ति होती है. भाद्रपद माह की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का पूजन एवं अर्घ्य देना लाभकारी माना जाता है.
काशी दुर्ग विनायक मंदिर में पाँच ब्राह्मणों द्वारा विनायक चतुर्थी पर कराएँ 108 अथर्वशीर्ष पाठ और दूर्बा सहस्त्रार्चन, बरसेगी गणपति की कृपा ही कृपा सितंबर 2023
पूर्णिमा के दिन पूजा विधि
चंद्रमाोदय से पहले स्नान करें और एक साफ तांबे के लोटे में जल भरें और लोटे में भरे जल में लाल फूल और अक्षत डालकर पूजा करें. इस जल पात्र को लेकर चंद्रमा की ओर मुंह करके खड़े हो जाएं और चंद्रमा को जल देते समय 'ओम सोमाय नम:' मंत्र या 'ऊं चंद्राय: नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए. धीरे-धीरे पानी की धार छोड़ते हुए मंत्र जाप जारी रखने चाहिए. जल चढ़ाते समय अपनी जल पर रखें और उसमें चंद्रमा के प्रतिबिंब को देखना चाहिए. इससे मानसिक शांति मिलती है.
गणपति स्थापना और विसर्जन पूजा : 19 सितंबर से 28 सितंबर 2023
चंद्र पूजन से मिलता है ग्रह बल
तो अगर आप इन बातों को ध्यान में रखते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं तो इससे आपकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति और भी मजबूत हो जाती है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा ग्रह को ऊर्जा, आत्मा और पिता का कारक माना जाता है. अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा ग्रह शुभ स्थिति में मौजूद है तो आपको न सिर्फ सुख-समृद्धि मिलती है बल्कि जीवन में ऊंचे पद भी हासिल होते हैं.
मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
भाद्रपद माह की पूर्णिमा के समय पर रात्रि के समय खीर का भोग लक्ष्मी जी को अवश्य लगाना चाहिए. खीर का भोग देवी को अर्पित करने के बाद इसे लोगों में बांटना शुभ होता है ऎसा करने से आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति मजबूत होने लगती है.
भाद्रपद पूर्णिमा के दिन किसी धर्म स्थान पर दूध का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. ऎसा करने से व्यक्ति के यश में वृध्दि होती है. उसका जीवन सुखमय बनता है.