जानिए आखिर किसकी बेटी हैं पृथ्वी, पढ़ें पूरी कथा
आज पूरा विश्व पृथ्वी दिवस मना रहा है। विश्व पृथ्वी दिवस हर वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका आरंभ वर्ष 1970 से हुआ था। हिन्दू धर्म में पृथ्वी को माता का दर्जा प्राप्त है। इसलिए धरती माता कहकर पुकारते है और कुछ विशेष अवसरों पर धरती की पूजा भी की जाती है। इतना ही नही जब सुबह उठते है तो पृथ्वी पर पैर रखने से पहले उनसे क्षमा मांगते है उसके बाद ही धरती पर अपना कदम रखते है। आज हम आपको इस विशेष दिन पर हिन्दू पौराणिक कथा में पृथ्वी से जुड़ी प्रचलित कथा बतायेंगे।
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धर्म ग्रंथों में मिलने वाली पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान वराह ने पृथ्वी को समुद्र से निकाला था उस समय वह काफी उबड़ खाबड़ थी। पृथ्वी की यह स्थिति काफी समय तक रही जिसके कारण उस पर कृषि का कार्य नहीं किया जाता था। त्रेतायुग के आरंभ में जन्मे पृथु के पिता वेन के शासन के दौरान शासन व्यवस्था बिल्कुल अव्यवस्थित थी और उनके व्यवहार से ऋषि मुनि भी दुखी थे।
तब ऋषि मुनियों ने एक कुशा को अभिमंत्रित कर उसकी सहायता से राजा वेन का वध किया था और उसके बाद उनकी भुजा का मंथन किया गया जिसमें से पहले एक काला पुरुष प्रकट हुआ जिसे केवट कहा गया था और उसके बाद पृथु का जन्म हुआ था। जिन्होंने बाद में धरती को अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार कर पृथ्वी नाम दिया था। तभी से पृथ्वी को पृथु की बेटी के रूप में जाना जाता है।
पौराणिक कथाओं में यह उल्लेखनीय है कि पृथु स्वयं भगवान विष्णु के अवतार थे और ऋषि मुनियों ने उन्हें धरती का पहला राजा स्वीकार किया था। राजा वेन के कुशासन के कारण धरती पर अनाज का उत्पादन नही होता था और ना ही कोई वनस्पति उगती थी। उसके बाद जब पृथु राजा बने तो उन्होंने धर्म पूर्वक बिना किसी भेद भाव के प्रजा की सेवा का वचन लिया और अपने परिश्र्म से धरती को समतल कर नदी और तालाब के लिये स्थान सुनिश्चित किये थे।
उन्होंने अपनी शासन व्यवस्था को कर्म प्रधान बना लोगो को खेती के लिए प्रेरत किया था। शतपथ ब्राह्मण नामक ग्रंथ में यह भी उल्लेख मिलता है कि राजा पृथु ही ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सामाजिक व्यवस्था की आधार शिला रखी थी।
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आज के समय मे सभी को सजक होने की जरूरत है क्योंकि पृथ्वी की जो स्थिति हो गयी है उसको देखते हुए ऐसा लगता है कि आने वाले समय मे खाने के लिए अनाज और पीने के लिए पानी को लेकर गहरा संकट आएगा और उस समय उसका हल मिलना शायद ही संभव हो। इस बाद को समझने के लिए आज गूगल ने जो डूडल लगाया है वो उचित है। उसमें दिखाया गया है कि कैसे पृथ्वी की सूरत बदलती जा रही है जो आने वाले समय के लिए अच्छी नही है।
इसलिए आप भी संकल्प करें और अपने घर के आस पास जितने संभव हो उतने पेड़ पौधे लगाये और उनकी देखभाल करें। पानी की बर्बादी ना करें और नदियों, तालाबों आदि में कचरा ना फेंके क्योंकि यह ना सिर्फ पानी दूषित करते है बल्कि अन्य जीवों के लिए एक बड़ी परेशानी भी बनते है।
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