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Home ›   Blogs Hindi ›   Pradosh Vrat 2024: Unique Yoga forms on Chaitra Pradosh Vrat day.

Pradosh Vrat 2024: चैत्र प्रदोष व्रत के दिन बन रहे हैं दुर्लभ योग जानें शुभ प्रदोष पूजा मुहूर्त

Acharya Rajrani Sharma Updated 05 Apr 2024 11:25 AM IST
Pradosh Vrat
Pradosh Vrat - फोटो : my jyotish

खास बातें

Chaitra Pradosh Vrat 2024 : चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में आने वाला प्रदोष व्रत करता है हर प्रकार के दोष की शांति. शिव प्रदोष पूजा से मिलता है भक्त को महादेव का शुभ आशीर्वाद. प्रदोष व्रत पूजा बेहद महत्व रखती है जो दुर्लभ योगों में भी स्थान पाता है. 
 
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Chaitra Pradosh Vrat 2024 : चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में आने वाला प्रदोष व्रत करता है हर प्रकार के दोष की शांति. शिव प्रदोष पूजा से मिलता है भक्त को महादेव का शुभ आशीर्वाद. प्रदोष व्रत पूजा बेहद महत्व रखती है जो दुर्लभ योगों में भी स्थान पाता है. 

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Shani Pradosh Vrat 2024 Time शनिवार के दिन प्रदोष तिथि का होना शनि प्रदोष के रुप में जाना जाता है. शनि प्रदोष समय पर किया जाने वाला भगवान शिव का पूजन भक्तों के दुख दर्द दूर करता है. व्यक्ति को मिलती है हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति. आइये जानते हैं कब होगा प्रदोष व्रत? प्रदोष व्रत मुहूर्त और शनि प्रदोष पूजा विधि.
 

चैत्र माह प्रदोष 2024 शुभ मुहूर्त योग  

शिव प्रदोष व्रत के दिन बेहद दुर्लभ योग संयोग बन रहा है. इससे व्रत करने वाले को पूजा का कई गुना लाभ मिलेगा. जानिए कब है शनि प्रदोष व्रत, शुभ योग, पूजा का समय

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चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 06 अप्रैल 2024 को सुबह 10:19 बजे शुरू होगी. इसका समापन 07 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 53 मिनट पर होगा. पूजा का समय शाम 06:42 बजे से रात 08:58 बजे तक रहने वाला है. 6 अप्रैल 2024 को शनि प्रदोष के दिन शुभ और शुक्ल योग का संयोग बन रहा है. 

इस समय पर बुध ओर बृहस्पति मेष राशि में रहेंगे तथा शुक्र और सूर्य मीन राशि में स्थित हैं. कुंभ राशि में शनि और मंगल की युति बनेगी. शुभ योग 05 अप्रैल 2024, सुबह 09:56 से 06 अप्रैल 2024, सुबह 06:15 तक और शुक्ल योग 06 अप्रैल 2024, प्रातः 06:15 से  07 अप्रैल 2024, प्रातः 02:20 तक होगा. शुभ योगों का संयोग व्रत को और भी श्रेष्ठ फल प्रदान करने वाला बनाता है. 

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प्रदोष पूजा महत्व 2024 विशेष 

भगवान शिव की पूजा यदि प्रदोष के समय पर शिव परिवार के साथ की जाए तथा प्रदोष के समय भगवान को विशेष भोग अर्पित किया जाए जाए तो इसके दूरगामी फल मिलते हैं. मुहूर्त शास्त्र अनुसार जब किसी विशेष समय पर विशेष व्रत पड़े तो उस दिन का महत्व कई गुना फल प्रदान करने वाला होता है. इस समय चैत्र माह के दौरान शनिवार के दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ऎसे में प्रदोष के साथ शनिवार का योग होने से व्रत पर बन रहा होता है अद्भुत योग, व्रती को जहां इस समय शिव भगवान की कृपा मिलेगी उसी के साथ शनि देव की कृपा भी प्राप्त होगी.  

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चैत्र प्रदोष आरती 2024 

||शिव आरती||
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिवअर्द्धांगी धारा ॥ 
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥  
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
दो भुज चारचतुर्भुज दस भुजअति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जनमोहे ॥ 
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भालेशशिधारी ॥ 
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
श्वेताम्बरपीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥  
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
कर के मध्यकमंडलु चक्र त्रिशूलधर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ 
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानतअविवेका ।
प्रणवाक्षरमध्ये ये तीनोंएका ॥  
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
काशी में विश्वनाथविराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोगलगावत महिमा अतिभारी ॥  
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
त्रिगुण शिवजीकी आरती जोकोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछितफल पावे ॥ 
जय शिव ओंकाराॐ जय शिवओंकारा ।
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