Pradosh Vrat 2023 : भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत होगा भौम प्रदोष मिलेगा ग्रह शांति का लाभ
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भाद्रपद माह में आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष के रुप में मनाया जाएगा. इस बार 12 सितंबर 2023 को भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन भोलेनाथ और हनुमान जी की पूजा करना बहुत शुभ होता है. पहला प्रदोष व्रत 12 सितंबर 2023, मंगलवार को रखा जाएगा और इसी कारण है कि इसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा. हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है.
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भौम प्रदोष का व्रत विशेष रुप से मंगल ग्रह की शांति हेतु बहुत अच्छा माना जाता है. इस दिन किए जाने वाले धार्मिक कृत्यों में मंगल ग्रह के मंत्र जाप द्वारा मंगल के शुभ फल प्राप्त होते हैं यदि कुंडली में मंगल ग्रह से संबंधित कोई दोष बन रहा है तो ऎसे में भौम प्रदोष व्रत को करके उसकी शांति को प्राप्त किया जा सकता है.
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भौम प्रदोष शुभ मुहूर्त
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर महीने प्रदोष व्रत रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
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इस समय भाद्रपद का महीना चल रहा है और इस महीने का पहला प्रदोष व्रत 12 सितंबर 2023, मंगलवार को मनाया जाएगा. यही कारण है कि इसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाता है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 सितंबर 2023 को रात 11.52 बजे शुरू होगी और 13 सितंबर 2023 को सुबह 2.21 बजे समाप्त होगी. प्रदोष काल में पूजा का शुभ समय शाम 06.30 बजे से 08.49 बजे तक है.
भौम प्रदोष व्रत से मिलेगा ग्रह शांति फल
हिंदू धर्म में रामभक्त हनुमान को भगवान शिव का अवतार माना जाता है. प्रदोष व्रत को विधि-विधान से करने से व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. इसके अलावा मांगलिक दोष वाले लोग अगर यह व्रत रखते हैं तो वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं.
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साथ ही साथ व्यक्ति को शारीरिक कष्ट से भी राहत मिलती है. इस दिन पर सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इस दिन चोला चढ़ाना भी शुभ होता है. प्रदोष काल में के समय स्नान करने के बाद भगवान शिव की विधिवत पूजा करनी चाहिए.