खास बातें
Pradosh Vrat 2024 : प्रदोष व्रत के दिन करें ये शिव स्तुति पाठ दूर होंगे सभी कष्टPradosh : भगवान शिव के पूजन हेतु प्रदोष व्रत अत्यंत मंगलकारी होता है. इस समय पर यदि शिव स्तुति का पाठ कर लिया जाए तो भक्तों के बड़े से बड़े कष्ट भी हो जाते हैं पल भर में दूर.
विज्ञापन
विज्ञापन
Pradosh Vrat 2024 : प्रदोष व्रत के दिन करें ये शिव स्तुति पाठ दूर होंगे सभी कष्ट
Pradosh : भगवान शिव के पूजन हेतु प्रदोष व्रत अत्यंत मंगलकारी होता है. इस समय पर यदि शिव स्तुति का पाठ कर लिया जाए तो भक्तों के बड़े से बड़े कष्ट भी हो जाते हैं पल भर में दूर.
pradosh puja हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष का पूजन एवं प्रदोष व्रत किया जाता है. प्रदोष पूजा के समय पर किए जाने वाले उपाय बहुत ही कारगर माने गए हैं जिसमें से शिव पूजन में भगवान शिव स्तुती का पाठ अत्यंत विशेष होता है.
बसंत पंचमी मां सरस्वती की पूजन, पाए बुद्धि-विवेक-ज्ञान की बढ़ोत्तरी, मिलेगी हर परीक्षा में सफलता 14 फरवरी 2024
माघ माह कृष्ण प्रदोष व्रत 2024
पंचांग के अनुसार माघ मास की कृष्ण पक्ष तिथि 7 फरवरी को दोपहर 02:02 बजे शुरू होगी और अगले दिन 11:17 बजे समाप्त होगी. प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा है. प्रदोष व्रत की पूजा 7 फरवरी को शाम 06:05 बजे से रात 08:41 बजे के बीच की जा सकती है.प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ का विधिपूर्वक अभिषेक करें.प्रदोष व्रत पूजा लाभ
प्रदोष समय पूजन भगवान शिव का प्रिय समय कहा जाता है. प्रदोष व्रत का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है और इसीलिए इस दिन शिव के अभिषेक के साथ-साथ उनकी पूजा के लिए व्रत आदि भी किया जाता है. इस दिन महादेव के साथ-साथ माता पार्वती की भी पूजा करने का नियम रहा है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव बहुत भोले हैं और भक्तों की पूजा से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं. प्रदोष पूजा द्वारा जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, सांसारिक पाप नष्ट हो जाते हैं. परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. जो लोग प्रदोष समय भगवान शिव का व्रत रखते हैं अथवा पूजन करते हैं. इस दिन पूजा करने से शीघ्र लाभ की संभावना भी बढ़ जाती है.प्रदोष के दिन भगवान शिव पूजन महत्व
प्रदोष के दिन पूजन द्वारा परिवार के लिए सुख-समृद्धि पाना संभव होता है. इस के अतिरिक्त प्रदोष के दिन इस खास शिव स्तुति का जाप करना भी बहुत लाभकारी रहता है. सच्चे मन से ऐसा किया जाए तो महादेव प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. शिव स्तुति प्रदोष के दिन परिवार के साथ करना अत्यंत लाभकारी रहता है. इससे प्रसन्न होकर भोलेनाथ भक्त के परिवार पर असीम कृपा बरसाते हैं. सभी संकटों से दूर रखते हैं. इस शिव स्तुति को शिव के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्रों में से एक कहा गया है. यह स्तुति प्रदोष व्रत के दिन महादेव की विधिवत पूजा करते हुए करनी शुभ होती है.
गुप्त नवरात्रि में कराएँ मां दुर्गा सप्तशती का अमूल्य पाठ, घर बैठे पूजन से मिलेगा सर्वस्व 10 फरवरी -18 फरवरी 2024
शिव शम्भुं स्तुति
नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणं नमामि सर्वज्ञमपारभावम्.
नमामि रुद्रं प्रभुमक्षयं तं नमामि शर्वं शिरसा नमामि॥१॥
नमामि देवं परमव्ययंतं उमापतिं लोकगुरुं नमामि.
नमामि दारिद्रविदारणं तं नमामि रोगापहरं नमामि॥२॥
नमामि कल्याणमचिन्त्यरूपं नमामि विश्वोद्ध्वबीजरूपम् .
नमामि विश्वस्थितिकारणं तं नमामि संहारकरं नमामि ॥३॥
नमामि गौरीप्रियमव्ययं तं नमामि नित्यंक्षरमक्षरं तम् .
नमामि चिद्रूपममेयभावं त्रिलोचनं तं शिरसा नमामि ॥४॥
नमामि कारुण्यकरं भवस्या भयंकरं वापि सदा नमामि .
नमामि दातारमभीप्सितानां नमामि सोमेशमुमेशमादौ ॥५॥
नमामि वेदत्रयलोचनं तं नमामि मूर्तित्रयवर्जितं तम् .
नमामि पुण्यं सदसद्व्यातीतं नमामि तं पापहरं नमामि ॥६॥
नमामि विश्वस्य हिते रतं तं नमामि रूपापि बहुनि धत्ते .
यो विश्वगोप्ता सदसत्प्रणेता नमामि तं विश्वपतिं नमामि ॥७॥
यज्ञेश्वरं सम्प्रति हव्यकव्यं तथागतिं लोकसदाशिवो यः .
आराधितो यश्च ददाति सर्वं नमामि दानप्रियमिष्टदेवम् ॥८॥
नमामि सोमेश्वरंस्वतन्त्रं उमापतिं तं विजयं नमामि .
नमामि विघ्नेश्वरनन्दिनाथं पुत्रप्रियं तं शिरसा नमामि ॥९॥
नमामि देवं भवदुःखशोक विनाशनं चन्द्रधरं नमामि .
नमामि गंगाधरमीशमीड्यं उमाधवं देववरं नमामि ॥१०॥
नमाम्यजादीशपुरन्दरादि सुरासुरैरर्चितपादपद्मम् .
नमामि देवीमुखवादनानां ईक्षार्थमक्षित्रितयं य ऐच्छत् ॥११॥
पंचामृतैर्गन्धसुधूपदीपैः विचित्रपुष्पैर्विविधैश्च मन्त्रैः .
अन्नप्रकारैः सकलोपचारैः सम्पूजितं सोममहं नमामि ॥१२॥