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जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
शास्त्रों में प्रदोष पूजा के शुभ मुहूर्त को देखें तो यह संध्या का समय होता है जो प्रगति के लिए भी शुभ मुहूर्त है. इस समय यदि आप शनि के दिन प्रदोष व्रत रखते हैं और शुभ मुहूर्त में पूजा करते हैं तो मान्यता अनुसार आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और आपकी उन्नति भी होती है.
शनि प्रदोष से मिलती है शनि दोषों से मुक्ति
कार्तिक माह में आने वाली शनि प्रदोष पूजा के समय पर शिव पूजन विशेष होता है. इस दिन व्रत पूजन से संबंधित कार्य करना बहुत फल प्रदान करने वाला होता है. शनिवार का दिन होने से शनि से संबंधित उपाय करना भी इस दिन विशेष बन जाता है. इसके साथ ही इस समय पर सौभाग्यवती स्त्रियां व्रत एवं पूजन करती हैं जिसके द्वारा सुख दांपत्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन शमि पूजन करना लक्ष्मी को प्रदान करने वाला होता है.
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इस दिन भगवान शिव का पूजन करने से भक्त को ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है. शनि प्रदोष का होना स्नान दान के लिए भी अत्यंत विशेष होता है. इस दिन पर किया जाने वाला धार्मिक कार्य पापो से मुक्ति देता है. शनि प्रदोष के दिन ग्रह दोष से मुक्ति के लिए रात्रि समय दक्षिण दिशा में दीपक जलाना बहुत सकारात्मक फलों को प्रदान करने वाला होता है. शनि प्रदोष के समय किया जाने वाला स्नान दान घर में सुख एवं शांति को बढ़ाने वाला होता है.