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Home ›   Blogs Hindi ›   Pradosh 2023: Last Shani Pradosh fast of Kartik month, know the importance of worship.

Pradosh 2023: कार्तिक मास का अंतिम शनि प्रदोष व्रत जानिए पूजा का महत्व

my jyotish expert Updated 24 Nov 2023 10:01 AM IST
Pradosh
Pradosh - फोटो : my jyotish
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कार्तिक माह का अंतिम प्रदोष व्रत शनिवार के दिन रखा जाएगा. शनि प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. प्रदोष व्रत भगवान शंकर को समर्पित है और शनिवार का दिन होने के कारण इस दिन भगवान शिव के साथ ही शनि देव की कृपा भी प्राप्त होती है. 

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प्रदोष व्रत कार्तिक के महीने में शनिवार को पड़ रहा है, शनिवार को पड़ने की वजह से इसे शनि प्रदोष कहा जाएगा. माना जाता है कि शनि प्रदोष व्रत का पालन करने से सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है. शनि देव के शुभ प्रभाव मिलते हैं. शनि प्रदोष इस व्रत का पालन करने और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को धन, वैभव और सभी प्रकार के भौतिक सुख प्राप्त होते हैं. आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत पूजा का महत्व 

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शास्त्रों में प्रदोष पूजा के शुभ मुहूर्त को देखें तो यह संध्या का समय होता है जो प्रगति के लिए भी शुभ मुहूर्त है. इस समय यदि आप शनि के दिन प्रदोष व्रत रखते हैं और शुभ मुहूर्त में पूजा करते हैं तो मान्यता अनुसार आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और आपकी उन्नति भी होती है.
 
शनि प्रदोष से मिलती है शनि दोषों से मुक्ति 
कार्तिक माह में आने वाली शनि प्रदोष पूजा के समय पर शिव पूजन विशेष होता है. इस दिन व्रत पूजन से संबंधित कार्य करना बहुत फल प्रदान करने वाला होता है. शनिवार का दिन होने से शनि से संबंधित उपाय करना भी इस दिन विशेष बन जाता है. इसके साथ ही इस समय पर सौभाग्यवती स्त्रियां व्रत एवं पूजन करती हैं जिसके द्वारा सुख दांपत्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन शमि पूजन करना लक्ष्मी को प्रदान करने वाला होता है. 
 
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इस दिन भगवान शिव का पूजन करने से भक्त को ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है. शनि प्रदोष का होना स्नान दान के लिए भी अत्यंत विशेष होता है. इस दिन पर किया जाने वाला धार्मिक कार्य पापो से मुक्ति देता है. शनि प्रदोष के दिन ग्रह दोष से मुक्ति के लिए रात्रि समय दक्षिण दिशा में दीपक जलाना बहुत सकारात्मक फलों को प्रदान करने वाला होता है. शनि प्रदोष के समय किया जाने वाला स्नान दान घर में सुख एवं शांति को बढ़ाने वाला होता है.
 
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