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इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 29 सितम्बर - 14 अक्टूबर 2023
पितृ पक्ष दशमी श्राद्ध समय
दशमी श्राद्ध तिथि का श्राद्ध 8 और 9 अक्टूबर 2023 को किया जा सकेगा. 08 अक्टूबर दिन के 10:13 बजे तक नवमी का श्राद्ध कार्य संपन्न होगा उसके पश्चात दशमी का श्राद्ध होगा. 09 अक्टूबर के दिन दोपहर 1:32 बजे तक दशमी का श्राद्ध किया जा सकता है. इस दिन कुतुप मुहूर्त का समय सुबह 11:50 से 12:39 बजे तक रहने वाला है. इसके बाद रोहिण मुहूर्त का समय दोपहर 12:39 बजे से 13:28 बजे तक रहने वाला है. दशमी तिथि आरंभ 08 अक्टूबर 2023 को सुबह 10 बजकर 13 मिनट से होगा. दशमी तिथि समाप्त होगी 09 अक्टूबर 2023 को 12 बजकर 37 मिनट पर
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पितृ पक्ष दशमी श्राद्ध विधि
शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में दशमी तिथि पर श्राद्ध का विशेष महत्व है. इस दिन उन दिवंगत पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु दशमी तिथि को हुई थी. शास्त्रों के अनुसार दशमी श्राद्ध का समय 8 अक्टूबर को रविवार के दिन को होगा. इस दिन सुबह स्नान करने के बाद कुतुप या रौहिना मुहूर्त में श्राद्ध, तर्पण या पिंड दान करना उत्तम माना जाता है.
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पार्वण श्राद्ध में भोजन को पांच भागों में बांट लेना चाहिए इसे पंचबली भोग कहा जाता है. जिसमें गाय, कुत्ता, कौआ, चींटी, देवता के निमित्त भोजन अलग किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार पंचबली भोग के बाद ही दान और ब्राह्मण भोजन की प्रक्रिया शुरू की जाती है. यह बेहद विशेष कार्य होता है जो शांति हेतु किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि दशमी के दिन उचित श्राद्ध करने से पितर तृप्त होते हैं और वे हमेशा अपने कुल के लोगों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं. मान्यता के अनुसार पितरों के प्रसन्न होने पर जीवन की कई समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है.