पितृ पक्ष में भरणी श्राद्ध का महत्व , इस तरह करें पितरों को संतुष्ट
हिंदू धर्म में, श्राद्ध अनुष्ठान एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. इस दिन, भक्त अपने मृत पूर्वजों की आत्माओं को मुक्ति और शांति प्रदान करने के लिए उनकी पूजा करते हैं. पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में अश्विन के महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध पूजा की जाती है. भरणी श्राद्ध पितृ पक्ष के दौरान एक शुभ अनुष्ठान है, जब अपराह्न काल के दौरान भरणी नक्षत्र मौजूद होता है तब इसका विशेष प्रभाव होता है.
भरणी श्राद्ध नियम
भरणी श्राद्ध पर कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इस दिन प्याज, लहसुन, बासी भोजन, सफेद तिल, लौकी, सत्तू, काला नमक, दाल, सरसों का साग, चना या मांस खाना वर्जित है. इन चीजों के सेवन से पितरों को क्रोध आता है. इस दिन शुभ मांगलिक कार्य भी वर्जित होते हैं. भरणी श्राद्ध पर झूठ बोलने से बचें और दूसरों का अपमान नही करना चाहिए. शुद्ध एवं सात्विक आचरण के साथ समस्त कार्य संपन्न करना उत्तम होता है.
भरणी श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को बाल कटवाने, दाढ़ी बनाने से बचना चाहिए और अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए. तर्पण के पूरा होने के बाद, ब्राह्मणों को सात्विक भोजन, मिठाई, कपड़े और दक्षिणा दी जाती है. यह अनुष्ठान बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्राह्मणों द्वारा खाया गया भोजन मृत आत्माओं तक पहुंचता है.
भरणी श्राद्ध में दान का महत्व
भरणी श्राद्ध के दिन कौवे को भी खाना खिलाना चाहिए क्योंकि इन्हें भगवान यम का दूत माना जाता है. कौवे के अलावा कुत्ते और गाय को भी खिलाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भरणी श्राद्ध अनुष्ठान धार्मिक और पूरी भक्ति के साथ करने से मुक्त आत्मा को शांति मिलती है और वे बदले में अपने वंशजों को शांति, सुरक्षा और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
भरणी श्राद्ध का महत्वपूर्ण समय
सूर्योदय 14 सितंबर, 2022 सुबह 6:16 बजे
सूर्यास्त 14 सितंबर, 2022 शाम 6:28 बजे
अपर्णा काल 14 सितंबर, 1:35 अपराह्न से 4:01 अपराह्न
कुटुप मुहूर्त 14 सितंबर, 11:58 पूर्वाह्न से 12:46 अपराह्न
रोहिणी मुहूर्त 14 सितंबर, 12:46 अपराह्न से 01:35 अपराह्न
भरणी नक्षत्र 14 सितंबर, 2022 सुबह 6:57 बजे शुरू होगा
भरणी नक्षत्र समाप्त 15 सितंबर, 2022 सुबह 8:05 बजे
14 सितंबर को भरणी श्राद्ध का समय रहेगा. इस दिन ध्रुव नामक शुभ योग भी बनेगा. इसी के साथ पंचमी तिथि का श्राद्ध भी इसी दिन होगा. यह दिन श्राद्ध कार्य हेतु अत्यंत ही शुभदायक होगा. इस समय पर बृहस्पति मीन राशि में , शनि मकर राशि में बुध कन्या राशि में और सूर्य का सिंह राशि गोचर होगा. ग्रहों का शुभ संयोग भी इस दिन प्राप्त होगा. ग्रहों का बल अनुकूलता प्रदान करने वाला होगा.