Pitra Dosh
- फोटो : my jyotish
ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के अच्छे और खरब योग निर्मित होते हैं. इसी में एक खरब दोष का नाम पितृ दोष है. जब कुंडली में पितृदोष बनता है तो कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस योग का निर्माण कई कारणों से होता है, इसलिए कुछ उपाय अपनाकर इनसे छुटकारा पाना बहुत जरूरी है. अन्यता तरक्की के मार्ग बाधित होते हैं. पितृदोष अत्यंत कष्टकारी होता है. जिस किसी की कुंडली में पितृ दोष होता है उसे वंश वृद्धि में अटकाव, कारोबार में असफलता विवाह न हो पाना और कई तरह के मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है. पितृदोष के कारण व्यक्ति के जीवन में जबरदस्त परेशानियां आने लगती हैं. अगर उचित रुप से पितृदोष के लक्षणों को पहचानकर इस दोष को शांत किया जाए तो जीवन में सकारात्मकता का उदय होता है.
कामाख्या देवी शक्ति पीठ में शारदीय नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 15 अक्टूबर- 23 अक्टूबर 2023 - Durga Saptashati Path Online
आइए जानते हैं कि पितृदोष क्या है, इसके कारण, लक्षण और इससे छुटकारा पाने के उपाय
विंध्याचल में कराएं शारदीय नवरात्रि दुर्गा सहस्त्रनाम का पाठ पाएं अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य : 15 अक्टूबर - 23 अक्टूबर 2023 - Durga Sahasranam Path Online
कब बनता है कुंडली में पितृ दोष
पितर दोष ऐसा माना जाता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद यदि उसका अंतिम संस्कार विधि-विधान से नहीं किया जाता है या किसी की असामयिक मृत्यु हो जाती है, तो उस व्यक्ति के साथ-साथ उसके संबंधित परिवार के सदस्यों को भी कई पीढ़ियों तक पितृदोष से पीड़ित होना पड़ता है. इसके अलावा कुंडली में यदि भाग्य भाव पंचम भाव में राहु केतु का प्रभाव एवं सूर्य का पाप प्रभावित होना इसका निर्माण करता है. पितृ दोष कई कारणों से होता है जैसे पितरों का उचित अंतिम संस्कार और श्राद्ध न करना, पितरों का अपमान करना अथवा बुजुर्गों का अपमान करना आदि.
इस पितृ पक्ष द्वादशी, सन्यासियों का श्राद्ध हरिद्वार में कराएं पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 11 अक्टूबर 2023
पितृ दोष का प्रभाव
पितृदोष के कारण व्यक्ति को जीवन में संतान सुख नहीं मिल पाता है. नौकरी और बिजनेस में कड़ी मेहनत करने के बावजूद उसे नुकसान उठाना पड़ता है. परिवार में अशांति रहती है. और किसी ना किसी सदस्य की तबियत ख़राब रहती है. जीवन के शुभ कार्यों में बाधाएं आती हैं.
इस शारदीय नवरात्रि कराएं खेत्री, कलश स्थापना 9 दिन का अनुष्ठान , माँ दुर्गा के आशीर्वाद से होगी सभी मनोकामनाएं पूरी - 15 अक्टूबर- 23 अक्टूबर 2023
पितृदोष से मुक्ति के उपाय
शाम के समय पीपल के पेड़ पर दीपक जलाना चाहिए.
पितृ स्तोत्र और नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें. इससे पितृ दोष की भी शांति होती है.
श्राद्ध पक्ष के समय पितरों का पूजन एवं श्राद्ध कार्य विधि विधान के साथ करना चाहिए.
अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त पूजा एवं दान कार्य करना चाहिए.