कामाख्या देवी शक्ति पीठ में शारदीय नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 15 अक्टूबर- 23 अक्टूबर 2023 - Durga Saptashati Path Online
पितृ दोष से बचाव के मंत्र
ऐसा माना जाता है कि पितरों के नाराज होने पर पितृ दोष लगता है. पितृ दोष के लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पितरों को यदि संतुष्ट न किया जाए तो अच्छी खासी आय करने पर भी घर में बरकत नहीं होती. कड़ी मेहनत के बाद भी व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में सफलती नहीं मिलती. संतान प्राप्ति में बहुत ज्यादा बाधाएं आती हैं. व्यक्ति को विवाह आदि मामलों में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. संतान के सुख में कमी होती है इन सभी का प्रभाव इस दोष के द्वारा जीवन में दिखाई देता है.
इस पितृ पक्ष द्वादशी, सन्यासियों का श्राद्ध हरिद्वार में कराएं पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 11 अक्टूबर 2023
ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः, ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय. इन सभी मंत्रों का जाप करने से आपके पितृ प्रसन्न होते हैं. मंत्रों के द्वारा व्यक्ति को व उसके के परिवार को पितृ दोष से छुटकारा मिलता है. यदि कोई इन मंत्रों विधि-विधान के साथ जाप से करते हैं तो इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
इस शारदीय नवरात्रि कराएं खेत्री, कलश स्थापना 9 दिन का अनुष्ठान , माँ दुर्गा के आशीर्वाद से होगी सभी मनोकामनाएं पूरी - 15 अक्टूबर- 23 अक्टूबर 2023
मंत्र लाभ एवं उसका प्रभाव
सभी पितृ दोष मंत्र जीवन में शुभता को प्रदान करने वाले होते हैं. इन मंत्रों का जाप सामर्थ्य अनुसार निरंतर करते रहना शुभ माना जाता है. अगर आप किसी कारणवश 108 बार मंत्रों का जाप नहीं कर पाते तो नियमित रूप से 108 बार भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं. पूरे श्रद्धा भाव से अपने पूर्वजों से जुड़ने की और उनकी शांति की इच्छा के लिए इन मंत्रों का जाप करें. साथ ही किसी शांत जगह का चुनाव करें. हमेशा मंत्र का जाप शुद्ध मन से करना चाहिए ध्यान रखें कि मंत्रों का गलत उच्चारण न हो.