Parivartini Ekadashi 2023
- फोटो : my jyotish
एकादशी का समय बहुत ही शुभ फलों को प्रदान करने वाला माना जाता है. इस समय पर किया जाने वाला धार्मिक कार्य सुखों को प्रदान करता है. धार्मिक मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से भक्त को मोक्ष एवं स्वर्ग के समान सुख भी मिलते हैं. श्री विष्णु भक्तों के लिए यह समय अत्यंत ही खास होता है. इस समय के दौरान भगवान की भक्ति द्वारा इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली भी आती है.
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इस बार भादो माह की परिवर्तिनी एकादशी का शुभ समय अत्यंत ही शुभदायक होगा. इस दौरान कुछ विशेष शुभ योग बनेंगे. सुकर्मा योग एवं रवि योग समेत कई शुभ संयोग बन रहे हैं. इन शुभ योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा.
परिवर्तनी एकादशी पूजन शुभ समय
इस साल परिवर्तिनी एकादशी 25 सितंबर को मनाई जाएगी. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इसी के आधार पर पंचांग के अनुसार, इस वर्ष परिवर्तिनी एकादशी 25 सितंबर को है. सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन जगत के पालनकर्ता भगवान श्री हरि विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से अक्षय फल एवं सुख प्राप्त होता है. परिवर्तिनी एकादशी पर रवि योग भी बन रहा है तथा रवि योग का आरंभ सुबह से ही हो जाएगा ऎसे में पूजा के लिए शुभ समय बना रहने वाला है काफी समय तक.
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शुभ समय मुहूर्त
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर को सुबह 07:55 बजे से शुरू होगी और अगले दिन यानी 26 सितंबर को सुबह 05:00 बजे समाप्त होगी. सनातन धर्म में उदया तिथि मानी जाती है. इसलिए परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 26 सितंबर को रखा जाएगा. साथ ही जगत के रचयिता भगवान विष्णु की भी पूजा की जाएगी. वहीं, पारण 27 सितंबर को होगा.
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एकादशी पूजा महत्व
इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली भी आती है. एकादशी के दिन किया जाने वाला पूजन अक्षय गुना फल प्रदान करता है. व्यक्ति के पाप क्षय होते हैं. इस व्रत के प्रभाव से जीवन में कई शुभ बदलाव आते हैं तथा सफलता एवं समृद्धि की प्राप्ति का आशीर्वाद भक्तों को मिलता है.