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Home ›   Blogs Hindi ›   Papankusha Ekadashi: Papankusha Ekadashi is a special time for freedom from sins, know the effect of fasting.

Papankusha Ekadashi : पापांकुशा एकादशी पापों से मुक्ति का खास समय, जानें व्रत का प्रभाव

my jyotish expert Updated 24 Oct 2023 11:06 AM IST
Ekadashi
Ekadashi - फोटो : my jyotish
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आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पापों की समाप्ति का समय माना जाता है. एकादशी का समय शुभ होता है. कहा जाता है कि एकादशी के दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में समृद्धि आती है. इसी के साथ भक्त शुभता को पाते हैं. हर प्रकार की इच्छाएं पूर्ण होने का समय होता है. आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी बहुत शुभ होती है. मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन पूजन एवं व्रत रखने से भगवान का शुभ आशीष भक्तों को मिलता है. एकादशी का व्रत जीवन में समृद्धि को देता है. इतना ही नहीं इससे सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. घर में धन की वृद्धि होती है. आइये जानें कब है एकादशी और क्या है इसके व्रत का प्रभाव 

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पापांकुशा व्रत समय एवं नियम 
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार यह एकादशी 25 अक्टूबर 2023, को पड़ रही है. एकादशी व्रत आमतौर पर द्वादश तिथि की शाम को सूर्यास्त के बाद शुरू होता है. 25 अक्टूबर को व्रत शुरू होगा. इस व्रत को एकादशी के अगले दिन सूर्योदय के बाद ही खोला जाता है जिसे पारण कहा जाता है. इस दिन व्रत कथा पढ़ने का भी विशेष महत्व है. कहा जाता है कि कथा सुनने मात्र से व्रत का फल मिल जाता है.  

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पापांकुशा व्रत व्रत महात्मय 
धर्मग्रंथों के अनुसार एक समय विध्यांचला पर्वत पर क्रोधना नाम का एक क्रूर शिकारी रहता था. उसने अपने जीवन में सभी बुरे कर्म किये. जब उनका अंतिम समय आया तो यमराज के दूत उन्हें लेने आए और कहा कि तुम्हारा अंतिम समय आ गया है, अब हम तुम्हें कल लेने आएंगे. लेकिन क्रोधना मृत्यु से बहुत डरता था. अत: यमराज के दूतों की बातें सुनकर वह बहुत घबरा गया. तभी अचानक वह अंगारा नामक ऋषि के पास पहुंच गया. वहां जाकर उन्होंने मदद की गुहार लगाई. क्रोधना की बात सुनकर ऋषि ने उसे पापांकुशा एकादशी के महत्व के बारे में बताया और उसे इस एकादशी का व्रत करने को कहा. ऋषि ने बताया कि अगर बिना क्रोध किए पूरी श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा की जाए और व्रत रखा जाए तो सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. क्रोधना ने ऋषि के अनुसार व्रत रखा और अपने सभी पापों से छुटकारा पा लिया. व्रत करने से वह विष्णु लोक चला गया.
 
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