Padma Ekadashi 2023
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एकादशी तिथि के दिन किया जाने वाला धर्म कर्म व्रत इत्यादि सभी कुछ भक्तों को शुभ फल प्रदान करता है. भाद्रपद माह में आने वाली पद्मा एकादशी की पूजा बहुत विशेष मानी जाती है. कहा जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. भक्तों के मनोरथ भी इस एकादशी के द्वारा पूर्ण होते हैं. महाभारत में भी इस ला उल्लेख मिलता है जब एकादशी कथा का महत्व स्वयं भगवान कृष्ण पांडवों को बताते हैं. सुनाई थी.
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श्री विषून पूजन से मिलता है एकादशी का फल
हर साल में आने वाली एकादशियां विशेशष होती हैं. जिन्हें श्री विष्णु भक्तों के द्वारा विशेष रुप से मनाया जाता है. धर्म ग्रंथों एवं परंपरा के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें श्रीहरि का आशीर्वाद मिलता है.
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पदमा एकादशी के अन्य नाम
पंचांग के अनुसार पद्मा एकादशी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी है. इस एकादशी पर भगवान विष्णु करवट बदलते हैं. इस एकादशी को अन्य अलग-अलग नामों से भी पुकारा जाता है. यह एकदशी पद्मा एकादशी, करमा एकादाशी, कर्म धर्मा एकादाशी और परिवर्तिनी एकादाशी इत्यादि नामों से भी जानी जाती है. इस एकादशी का महत्व पौराणिक ग्रंथों से प्राप्त होता है. इस दिन व्रत करने तथा भगवान के नाम स्मरण करने का विशेष महत्व माना गया है. एकादशी तिथि पर की गई पूजा द्वारा भक्त जीवन को सुखमय बनाने में सफल होते हैं.
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एकादशी पूजन शुभ मूहुर्त
इस वर्ष पद्मा एकादशी 25 सितंबर, सोमवार को पड़ रही है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. मान्यता के अनुसार, इस एकादशी पर भगवान विष्णु चतुर्मास के बीच स्वयं की स्थिति को बदल लेते हैं. यह एकादशी धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और पौराणिक कथाओं के अनुसार इसका बहुत महत्व है.
एकादशी के दिन श्री विष्णू जी के इस मंत्र के साथ पूजा अराधना करनी चाहिए “ शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥”
विष्णु पुराण के अनुसार पद्मा एकादशी को सबसे खास माना जाता है. मान्यता के अनुसार इस एकादशी पर पूजा-पाठ और व्रत किया जाता है. साथ ही यह अपनी जाने अंजाने में की गई गलतियों हेतु व्रत क्षमा मांगने के लिए भी उपयुक्त माना गया है. मान्यता के अनुसार इस एकादशी पर पूजा करने वालों को सुख के साथ मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.