जानें निर्जला एकादशी के दिन क्या करें और क्या ना करें
निर्जला एकादशी व्रत का बहुत महात्म है। कहा जाता है की जो इस दिन व्रत करता है वो सारे पापो से मुक्ति मिल जाता है।इस साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत दस जून शुक्रवार को पड़ा है।इस व्रत को करने ने पुण्य मिलता है ,जीवन में सफलता मिलती है। ये व्रत कोई भी कर सकता है चाहे वो स्त्री हो या पुरुष हो।पुराणिक कथाओं के अनुसार इस व्रत को भीम ने पूरी निष्ठा और श्रद्धा से इस व्रत को किया था। उसने निर्जला व्रत रखा था।ये व्रत भगवान विष्णु की शक्ति का एक स्वरूप माना जाता है।इस दिन इनकी महिमा का गुढ़गान बताया गया है।इस व्रत को महिलाएं ज्यादा रखती है। इस दिन व्रत करने के कुछ अलग ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते है की इस व्रत की दिन क्या करे और क्या ना करें–
* इस व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करके एकादशी का पूजा करे के व्रत रखें और निर्जला व्रत लेने का संकल्प ले। सूर्य देव को भी जल दे।
* आप इस दिन पीला वस्त्र पहने। व्रत के दौरान आप फलहारी ना रखें और इस दिन भोजन करने से बचें।
* इस दिन व्रत आप रखते हो तो ,अगर आप शरीर से कमजोर है तो आप पानी पी सकते हैं और फलहारी व्रत भी कर सकते है।
* दशमी और एकादशी के दिन आप तामशी भोजन से बचे। क्योंकि आप को व्रत रखना होता है।
* पद्म पुराण में चावल खाना एकादशी के दिन वर्जित है। इसमें बताया गया है की इस दिन जो चावल खाता है वो अगले जन्म में रेंगने वाला कीड़ा पैदा होता है।
* इस दिन आप हो सके तो नमक के सेवन से बचे। अगर खाना ही है तो सेंधा नमक खाए।सेंधा नमक की मनाही नहीं है।
ग्रह नक्षत्रों से जुड़ी परेशानियों का मिलेगा समाधान, आज ही बात करें प्रसिद्ध ज्योतिषियों से
* इस दिन पान नहीं खाना चाहिए क्योंकि विष्णु पुराण में वर्णित हैं कि भगवान को पान बहुत पसंद है वो इसका सेवन करते है। हो सके तो आप भोग लगाकर इसका
अगले दिन प्रसाद के रूप में ले सकते है।
* इस दिन व्रत करने के बाद अगले दिन पारन का भी एक समय होता है आप उस ही समय के बीच पारन ही करेंगे। और किसी टाइम नहीं कर सकते है।
* इस दिन आप गरीबों को दान दे।ये व्रत गर्मी में पड़ता है तो आप इस दिन दुखियों को छाता दान करें।
* इस दिन आप अपनी क्षमता से दान दीजिए। जैसे जरूरत मंदो को बिस्तर,अनाज,कपड़ा। ऐसा करने से पुण्य मिलता हैं।इसके साथ ही आप फल भी दान कर सकते हैं।
* इस दिन आप निर्जीव पशु पक्षी को पानी पीने के लिए दे। हो सके तो आप छत या किसी भी छाव वाले पेड़ के नीचे पानी रख दे।
* निर्जला एकादशी व्रत के दौरान ऐसा बताया गया है की आप ब्रम्हचर्य का पालन करें।
* ऐसी मान्यता है की इस दिन चना और गुड़ दान करना चाहिए।
आप हो सके तो इस दिन बाहरी चीजों को खाने से बचे। ये व्रत पूरी सात्विकता से रखें।इसका फल जरूर मिलता है।जानें निर्जला एकादशी के दिन क्या करें और क्या ना करें
निर्जला एकादशी व्रत का बहुत महात्म है। कहा जाता है की जो इस दिन व्रत करता है वो सारे पापो से मुक्ति मिल जाता है।इस साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत दस जून शुक्रवार को पड़ा है।इस व्रत को करने ने पुण्य मिलता है ,जीवन में सफलता मिलती है। ये व्रत कोई भी कर सकता है चाहे वो स्त्री हो या पुरुष हो।पुराणिक कथाओं के अनुसार इस व्रत को भीम ने पूरी निष्ठा और श्रद्धा से इस व्रत को किया था। उसने निर्जला व्रत रखा था।ये व्रत भगवान विष्णु की शक्ति का एक स्वरूप माना जाता है।इस दिन इनकी महिमा का गुढ़गान बताया गया है।इस व्रत को महिलाएं ज्यादा रखती है। इस दिन व्रत करने के कुछ अलग ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते है की इस व्रत की दिन क्या करे और क्या ना करें–
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* इस व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करके एकादशी का पूजा करे के व्रत रखें और निर्जला व्रत लेने का संकल्प ले। सूर्य देव को भी जल दे।
* आप इस दिन पीला वस्त्र पहने। व्रत के दौरान आप फलहारी ना रखें और इस दिन भोजन करने से बचें।
* इस दिन व्रत आप रखते हो तो ,अगर आप शरीर से कमजोर है तो आप पानी पी सकते हैं और फलहारी व्रत भी कर सकते है।
* दशमी और एकादशी के दिन आप तामशी भोजन से बचे। क्योंकि आप को व्रत रखना होता है।
* पद्म पुराण में चावल खाना एकादशी के दिन वर्जित है। इसमें बताया गया है की इस दिन जो चावल खाता है वो अगले जन्म में रेंगने वाला कीड़ा पैदा होता है।
* इस दिन आप हो सके तो नमक के सेवन से बचे। अगर खाना ही है तो सेंधा नमक खाए।सेंधा नमक की मनाही नहीं है।
* इस दिन पान नहीं खाना चाहिए क्योंकि विष्णु पुराण में वर्णित हैं कि भगवान को पान बहुत पसंद है वो इसका सेवन करते है। हो सके तो आप भोग लगाकर इसका
अगले दिन प्रसाद के रूप में ले सकते है।
* इस दिन व्रत करने के बाद अगले दिन पारन का भी एक समय होता है आप उस ही समय के बीच पारन ही करेंगे। और किसी टाइम नहीं कर सकते है।
* इस दिन आप गरीबों को दान दे।ये व्रत गर्मी में पड़ता है तो आप इस दिन दुखियों को छाता दान करें।
* इस दिन आप अपनी क्षमता से दान दीजिए। जैसे जरूरत मंदो को बिस्तर,अनाज,कपड़ा। ऐसा करने से पुण्य मिलता हैं।इसके साथ ही आप फल भी दान कर सकते हैं।
* इस दिन आप निर्जीव पशु पक्षी को पानी पीने के लिए दे। हो सके तो आप छत या किसी भी छाव वाले पेड़ के नीचे पानी रख दे।
* निर्जला एकादशी व्रत के दौरान ऐसा बताया गया है की आप ब्रम्हचर्य का पालन करें।
* ऐसी मान्यता है की इस दिन चना और गुड़ दान करना चाहिए।
आप हो सके तो इस दिन बाहरी चीजों को खाने से बचे। ये व्रत पूरी सात्विकता से रखें।इसका फल जरूर मिलता है।जानें निर्जला एकादशी के दिन क्या करें और क्या ना करें
निर्जला एकादशी व्रत का बहुत महात्म है। कहा जाता है की जो इस दिन व्रत करता है वो सारे पापो से मुक्ति मिल जाता है।इस साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत दस जून शुक्रवार को पड़ा है।इस व्रत को करने ने पुण्य मिलता है ,जीवन में सफलता मिलती है। ये व्रत कोई भी कर सकता है चाहे वो स्त्री हो या पुरुष हो।पुराणिक कथाओं के अनुसार इस व्रत को भीम ने पूरी निष्ठा और श्रद्धा से इस व्रत को किया था। उसने निर्जला व्रत रखा था।ये व्रत भगवान विष्णु की शक्ति का एक स्वरूप माना जाता है।इस दिन इनकी महिमा का गुढ़गान बताया गया है।इस व्रत को महिलाएं ज्यादा रखती है। इस दिन व्रत करने के कुछ अलग ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते है की इस व्रत की दिन क्या करे और क्या ना करें–
ग्रह नक्षत्रों से जुड़ी परेशानियों का मिलेगा समाधान, आज ही बात करें प्रसिद्ध ज्योतिषियों से
* इस व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करके एकादशी का पूजा करे के व्रत रखें और निर्जला व्रत लेने का संकल्प ले। सूर्य देव को भी जल दे।
* आप इस दिन पीला वस्त्र पहने। व्रत के दौरान आप फलहारी ना रखें और इस दिन भोजन करने से बचें।
* इस दिन व्रत आप रखते हो तो ,अगर आप शरीर से कमजोर है तो आप पानी पी सकते हैं और फलहारी व्रत भी कर सकते है।
* दशमी और एकादशी के दिन आप तामशी भोजन से बचे। क्योंकि आप को व्रत रखना होता है।
* पद्म पुराण में चावल खाना एकादशी के दिन वर्जित है। इसमें बताया गया है की इस दिन जो चावल खाता है वो अगले जन्म में रेंगने वाला कीड़ा पैदा होता है।
* इस दिन आप हो सके तो नमक के सेवन से बचे। अगर खाना ही है तो सेंधा नमक खाए।सेंधा नमक की मनाही नहीं है।
* इस दिन पान नहीं खाना चाहिए क्योंकि विष्णु पुराण में वर्णित हैं कि भगवान को पान बहुत पसंद है वो इसका सेवन करते है। हो सके तो आप भोग लगाकर इसका
अगले दिन प्रसाद के रूप में ले सकते है।
* इस दिन व्रत करने के बाद अगले दिन पारन का भी एक समय होता है आप उस ही समय के बीच पारन ही करेंगे। और किसी टाइम नहीं कर सकते है।
* इस दिन आप गरीबों को दान दे।ये व्रत गर्मी में पड़ता है तो आप इस दिन दुखियों को छाता दान करें।
* इस दिन आप अपनी क्षमता से दान दीजिए। जैसे जरूरत मंदो को बिस्तर,अनाज,कपड़ा। ऐसा करने से पुण्य मिलता हैं।इसके साथ ही आप फल भी दान कर सकते हैं।
* इस दिन आप निर्जीव पशु पक्षी को पानी पीने के लिए दे। हो सके तो आप छत या किसी भी छाव वाले पेड़ के नीचे पानी रख दे।
* निर्जला एकादशी व्रत के दौरान ऐसा बताया गया है की आप ब्रम्हचर्य का पालन करें।
* ऐसी मान्यता है की इस दिन चना और गुड़ दान करना चाहिए।
आप हो सके तो इस दिन बाहरी चीजों को खाने से बचे। ये व्रत पूरी सात्विकता से रखें।इसका फल जरूर मिलता है।
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है