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Home ›   Blogs Hindi ›   Navratri Day 7: Honor Maa Kalratri on the seventh day of Navratri.

7th Day Of Navratri : नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की आराधना

Acharya Rajrani Sharma Updated 15 Apr 2024 09:51 AM IST
maa kalratri
maa kalratri - फोटो : myjyotish

खास बातें

Kalratri Mata: नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा के कालरात्रि रुप का पूजन किया जाता है, इस स्वरूप की पूजा को करने से भक्तों को हर प्रकार की नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है.  maa kalratri puja : माँ कालरात्रि पूजा से सभी प्रकार की नकारात्मकता का नाश होता है. 
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Kalratri Mata: नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा के कालरात्रि रुप का पूजन किया जाता है, इस स्वरूप की पूजा को करने से भक्तों को हर प्रकार की नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है. 

maa kalratri puja : माँ कालरात्रि पूजा से सभी प्रकार की नकारात्मकता का नाश होता है. माता की पूजा भक्तों को अभय का वरदान देने वाली होती है. शास्त्रों के अनुसार देवी का यह रूप सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त करता है. 

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मां कालरात्रि स्वरुप दूर करता है सभी संकट 

देवी काल रात्रि का पूजन नवरात्रि पर सातवें दिन होता है.  माँ कालरात्रि दुष्टों का नाश करने वाली हैं.  देवी अपने भक्तों को सुरक्षा प्रदान करता है. इस समय पर देवी कालरात्रि की पूजा विधि विधान के साथ की जाती है. इस दिन मां दुर्गा का यह सातवां स्वरूप मां कालरात्रि आसुरी शक्तियों को समाप्त करता है. दुष्ट लोगों का संहार करने वाली माता दानव, राक्षस और भूत-प्रेत को दूर कर देती हैं. माता के स्मरण मात्र से ही  भयभीत होकर भाग जाते हैं. मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत डरावना होता है लेकिन भक्तों को सुख देता है. 

शास्त्रों में मां कालरात्रि का स्वरूप उग्र है, देवी का रंग सांवला है मां कालरात्रि के बाल बड़े और बिखरे हुए बताए गए हैं. मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि चमकीले आभूषण धारण करती हैं. माता की तीन आंखें हैं. और वह गधे की सवारी करती हैं. वह गले में खोपड़ियों की माला भी पहनती है और देवी के चार हाथ हैं. उसके दाहिने हाथ अभय और वरद मुद्रा में हैं, और वह अपने दोनों हाथों में वज्र धारण करती हैं..

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कालरात्रि पूजा विधि 2024

चैत्र नवरात्रि पर्व पर नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां भवानी के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा का सातवां दिन भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. सदैव शुभ फल देने के कारण इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है. मां कालरात्रि दुष्टों का नाश करने के लिए जानी जाती हैं इसलिए इनका नाम कालरात्रि पड़ा. सप्तमी के दिन भक्त देवी को पूजा मेंश्रृंगार का सामान अर्पित करते हैं माता की आरती और मंत्रों को किया जाता है. देवी की पूजा से ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर होते हैं और सभी के जीवन में खुशियां आती हैं. देवी कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाया जाता है. इनके पूजन से सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और सभी प्रकार की परेशानियों से भी रक्षा होती है.
 
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माँ कालरात्रि ध्यान मंत्र 


करालवंदना धोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम्.
कालरात्रिं करालिंका दिव्यां विद्युतमाला विभूषिताम॥
दिव्यं लौहवज्र खड्ग वामोघोर्ध्व कराम्बुजाम्.
अभयं वरदां चैव दक्षिणोध्वाघः पार्णिकाम् मम॥
महामेघ प्रभां श्यामां तक्षा चैव गर्दभारूढ़ा.
घोरदंश कारालास्यां पीनोन्नत पयोधराम्॥
सुख पप्रसन्न वदना स्मेरान्न सरोरूहाम्.
एवं सचियन्तयेत् कालरात्रिं सर्वकाम् समृध्दिदाम्॥
  
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मां कालरात्रि की आरती  Maa Kaalratri ki Aarti  


कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
काल के मुह से बचाने वाली॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा.
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
महाचंडी तेरा अवतार॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
पृथ्वी और आकाश पे सारा.
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
महाकाली है तेरा पसारा॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
खडग खप्पर रखने वाली.
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
कलकत्ता स्थान तुम्हारा.
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
सभी देवता सब नर-नारी.
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
रक्तदंता और अन्नपूर्णा.
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
ना कोई चिंता रहे बीमारी.
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
ना कोई गम ना संकट भारी॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
उस पर कभी कष्ट ना आवें.
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
महाकाली मां जिसे बचाबे॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
तू भी भक्त प्रेम से कह.
कालरात्रि जय-जय-महाकाली.
कालरात्रि मां तेरी जय॥
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