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Home ›   Blogs Hindi ›   Navratri Day 5: Worship Maa Skandmata on the fifth day of Navratri.

Navratri 5th Day-नवरात्रि के पांचवें दिन होगी मां स्कंदमाता की पूजा

Acharya Rajrani Sharma Updated 12 Apr 2024 12:10 PM IST
Maa Skandmata
Maa Skandmata - फोटो : myjyotish

खास बातें

Maa Skandmata Puja -चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन, स्कंदमाता की पूजा की जाती है. स्कंद माता पूजा और मंत्र जाप द्वारा सुख की प्राप्ति होती है. स्कंद माता का पूजन एवं स्कंदमाता आरती के साथ माता को विधि विधान से पूजा करने पर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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Maa Skandmata Puja -चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन, स्कंदमाता की पूजा की जाती है. स्कंद माता पूजा और मंत्र जाप द्वारा सुख की प्राप्ति होती है. स्कंद माता का पूजन एवं स्कंदमाता आरती के साथ माता को विधि विधान से पूजा करने पर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. 

Fifth Day Maa Skandmata Mantra दुर्गा पूजा के पंचम दिन स्कंदमाता मंत्र जाप करने से भक्तों को सिद्धियों की प्राप्ति होती है. इस दिन स्कंदमाता की पूजा में कार्तिकेय भगवान का भी पूजन होता है क्योंकि माता के पुत्र स्कंद भगवान जिन्हें कार्तिकेय भी कहा जाता है. आइये जान लेते हैं स्कंदमाता के मंत्र जाप आरती. 

शास्त्रों कि मान्यता है कि इस देवी का पूजन करने से साधक को अच्छी संतान का आशीर्वाद मिलता है. इसी के साथ  माना जाता है कि देवी मां के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा करने से सभी प्रकार के दुखों का नाश हो जाता है, तो आइए बताते हैं कि स्कंदमाता की पूजा कैसे करनी चाहिए, उनका मंत्र क्या है और उन्हें प्रसाद के रूप में क्या चढ़ाना चाहिए.  

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नवरात्रि के पंचम दिन देवी स्कंदमात पूजन विशेष Navratri 2024 5th Day skandamata Puja 

नवरात्रि के पंचम दिन देवी स्कंदमात पूजन बहुत खास होता है. माता के पूजन से बुद्धि, यश और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होगी. रोगों का नाश होता है. माता को लाल पीला रंग अत्यंत प्रिय है. इस दिन पूजा के दौरान देवी को  वस्त्र, चूड़ियां और मिठाई अर्पित करना शुभ होता है.  चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता को समर्पित है और मां के इस स्वरूप को सर्प और प्रेम का प्रतीक माना जाता है. 

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स्कंद माता के पूजन से मिलता है संतान सुख का आशीर्वाद 

नवरात्रि पूजा के पांचवें दिन स्कंदमाता मंत्र का जाप करने से भक्तों को शुभता प्राप्त होती हैं. इस दिन स्कंदमाता की पूजा में भगवान कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है क्योंकि माता के पुत्र भगवान स्कंद को कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों में माना जाता है कि इस देवी की पूजा करने से साधक को उत्तम संतान की प्राप्ति होती है. 

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मां स्कंदमाता का पूजा मंत्र

सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

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मां स्कंदमाता की आरती

जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
सब के मन की जानन हारी। जग जननी सब की महतारी।।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं। हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
कई नामों से तुझे पुकारा। मुझे एक है तेरा सहारा।।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
कही पहाड़ो पर हैं डेरा। कई शहरों में तेरा बसेरा।।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
हर मंदिर में तेरे नजारे। गुण गाये तेरे भगत प्यारे।।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
भगति अपनी मुझे दिला दो। शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
इंद्र आदी देवता मिल सारे। करे पुकार तुम्हारे द्वारे।।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आएं। तुम ही खंडा हाथ उठाएं।।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
दासो को सदा बचाने आई। ‘चमन’ की आस पुजाने आई।।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना जरूर पढ़े
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि॥1॥
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