खास बातें
Maa Kushmanda Pujan नवरात्रि के चौथे दिन दुर्गा माता के चौथे रुप में देवी मां के कूष्मांडा रूप की पूजा की जाती है. मां कुष्मांडा को सृष्टि के निर्माण की देवी के रुप में स्थान प्राप्त रहा है. माता की पूजा भक्ति भाव के साथ होती है.
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4th Day Maa Kushmanda: नवरात्रि के चौथे दिन मां जिस रूप की पूजा होती है वह जीवन को शुभता प्रदान करने वाली होती है. देवी का नवरात्रि पूजन शुभ फल प्रदान करता है. नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा, के साथ मंत्र जाप एवं आरती के साथ संपन्न होती है. आइये जान लेते हैं माता के पूजन की विधि और मंत्र आरती.
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सृष्टि की निर्माता है माता कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन आदिशक्ति भवानी के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार मां कुष्मांडा को सृष्टि निर्माता देवी माना जाता है. देवी कुष्मांडा की कृपा से साधक को रोग, शोक और सभी दोषों से लड़ने की शक्ति मिलती है. मां कुष्मांडा की पूजा से संकट दूर होते हैं. नवरात्रि के चौथे दिन मां जिस रूप की पूजा होती है वह जीवन को शुभता प्रदान करने वाली होती है. देवी का नवरात्रि पूजन शुभ फल प्रदान करता है. नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा, के साथ मंत्र जाप एवं आरती के साथ संपन्न होती है. आइये जान लेते हैं माता के पूजन का जीवन पर प्रभाव.कामाख्या देवी शक्ति पीठ में चैत्र नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 09 अप्रैल -17 अप्रैल 2024 - Durga Saptashati Path Online
मां कुष्मांडा की पूजा विधि
मां कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है. उनके हाथों में धनुष, बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल और कमंडल सुशोभित हैं. कहा जाता है कि सृष्टि की रचना से पहले जब चारों ओर घना अंधकार था, तब देवी के इसी स्वरूप से ब्रह्मांड की रचना हुई थी. मां कुष्मांडा का अर्थ है कद्दू, वह फल जिससे पेठा बनता है. कुम्हड़े की बलि देने से देवी कुष्मांडा अत्यंत प्रसन्न होती हैं.
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माता के पूजन में करें निम्न मंत्रों का जाप
देवी कुष्मांडा की पूजा करते समय पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना गयाहै. पूजा के समय देवी को पीला चंदन लगाना शुभ होता है. कुमकुम, मौली, अक्षत चढ़ाने से सौभाग्य बल पाताहै. माता को पान के पत्ते में थोड़ी सी केसर लगा कर अर्पित करनी चाहिए. ॐ कुष्माण्डायै नम: मंत्र की माला जाप करते हुए पूजा करते हैं. इस समय के दौरान दुर्गा सप्तशती या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना शुभ होताहै.माता की पूजा भक्ति भाव से करने पर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.नवरात्रि के चौथे दिन दुर्गा माता के चौथे रुप में देवी मां के कूष्मांडा रूप की पूजा के साथ माता की आरती भी करनी चाहिए. मां कुष्मांडा को सृष्टि के निर्माण की देवी के रुप में स्थान प्राप्त रहा है. माता की पूजा भक्ति भाव के साथ करने पर भक्त को मिलता है सुख शांति का वरदान
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मां कूष्मांडा देवी की आरती Maa Kushmanda Devi Ki Aarti
कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
मुझ पर दया करो महारानी॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
पिगंला ज्वालामुखी निराली.
शाकंबरी माँ भोली भाली॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
लाखों नाम निराले तेरे .
भक्त कई मतवाले तेरे॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
भीमा पर्वत पर है डेरा.
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
सबकी सुनती हो जगदंबे.
सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
तेरे दर्शन का मैं प्यासा.
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
माँ के मन में ममता भारी.
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
तेरे दर पर किया है डेरा.
दूर करो माँ संकट मेरा॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
मेरे कारज पूरे कर दो.
मेरे तुम भंडारे भर दो॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
तेरा दास तुझे ही ध्याए.
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
मुझ पर दया करो महारानी॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
पिगंला ज्वालामुखी निराली.
शाकंबरी माँ भोली भाली॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
लाखों नाम निराले तेरे .
भक्त कई मतवाले तेरे॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
भीमा पर्वत पर है डेरा.
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
सबकी सुनती हो जगदंबे.
सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
तेरे दर्शन का मैं प्यासा.
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
माँ के मन में ममता भारी.
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
तेरे दर पर किया है डेरा.
दूर करो माँ संकट मेरा॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
मेरे कारज पूरे कर दो.
मेरे तुम भंडारे भर दो॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
तेरा दास तुझे ही ध्याए.
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥कूष्मांडा जय जग सुखदानी.