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Home ›   Blogs Hindi ›   Navratri 2024 Day 8: Devotees worship Goddess Mahagauri on this day.

Navratri 2024 Day 8 : नवरात्रि के आठवें दिन होती है देवी महागौरी की पूजा

Acharya Rajrani Sharma Updated 15 Apr 2024 01:13 PM IST
Mahagauri puja
Mahagauri puja - फोटो : myjyotish

खास बातें

Chaitra Navratri 2024 Day 8: नवरात्रि का आठवां दिन देवी दुर्गा के महागौरी रुप की पूजा का समय होता है. इस आठवें स्वरूप में महागौरी को पूजा जाता है तथा माता का पूजन भक्तों को सुख समृद्धि प्रदान करता है Mahagauri puja अपने गौर वर्ण के कारण माता को महागौरी नाम मिला 
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Chaitra Navratri 2024 Day 8: नवरात्रि का आठवां दिन देवी दुर्गा के महागौरी रुप की पूजा का समय होता है. इस आठवें स्वरूप में महागौरी को पूजा जाता है तथा माता का पूजन भक्तों को सुख समृद्धि प्रदान करता है

Mahagauri puja अपने गौर वर्ण के कारण माता को महागौरी नाम मिला और माता का यह अष्टम रुप अष्टमी पूजन के रुप में भी जाना जाता है. मां महागौरी की पूजा की से हर प्रकार के सुख एवं मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. आइये जान लेते हैं देवी को कैसे मिला यह रुप और क्या है माता की आरती व मंत्र. 
 
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नवरात्रि पूजा विधि 2024

नवरात्रि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने का एक शुभ समय माना गया है. दुर्गा अष्टमी के दिन महागौरी के पूजन में कन्या पूजन होता है. इस दिन देवी का विधि विधान से पूजन किया जाए तो  महागौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पूजा में माता को कपूर या गाय के घी से भरे दीपक की जोत अर्पित की जाती है. देवी महागौरी की आरती मंत्र किए जाते हैं. चैत्र नवरात्रि के दौरान महाअष्टमी या दुर्गा अष्टमी का बहुत महत्व है. हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को महाअष्टमी या दुर्गा अष्टमी का पूजन एवं व्रत रखा जाता है. 

दिन मां महागौरी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. पूजा में देवी महागौरी को विभिन्न प्रकार की सामग्री अर्पित की जाती है. महागौरी को पीले या सफेद रंग के फूल चढ़ाने चाहिए. अगर संभव हो तो पीले वस्त्र पहनकर मां महागौरी की पूजा करनी चाहिए.नवरात्रि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने का एक बेहतरीन अवसर है. महाअष्टमी या दुर्गा अष्टमी के दिन आप मां महागौरी के बीज मंत्र का जाप करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. पूजा के अंत में आपको कपूर या गाय के घी से भरे दीपक से देवी महागौरी की आरती करनी चाहिए. 

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महागौरी पूजा महत्व 2024

माता का गौर वर्ण होने के कारण ही माता को गौरी नाम प्राप्त होता है. मां महागौरी अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं. उनकी कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि, सफलता, प्रगति और प्रगति मिलती है. मां महागौरी की पूजा से संतान संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं. मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी की पौराणिक कथा के अनुसार मां ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. तपस्या के दौरान माता हजारों वर्षों तक निराहार रहीं, जिसके कारण उनका शरीर काला पड़ गया. जब भगवान शिव माता की कठोर तपस्या से प्रसन्न हुए तो उन्होंने माता को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया और उनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर अत्यंत कांतिमय बना दिया, जिससे उनका काला रंग गोरे रंग जैसा हो गया. इसके बाद माता पार्वती के इस रूप को महागौरी के नाम से जाना गया.

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महागौरी बीज मंत्र

श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
 

महागौरी प्रार्थना मंत्र

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥


महागौरी स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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मां महागौरी की आरती

जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया। 
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।
चंद्रकली और ममता अम्बे।
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।
मां महगौरी के जाप करने वाले मंत्र
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