National Unity Day 2023
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भारत की संप्रभुत्ता को दिखाने वाला राष्ट्रिय एकता दिवस देश भर के लोगों की आत्मा में जीवित है. भारत की पहचान ही उसकी अनेकता में एकता का सिद्धांत है. यही एकता अब हर वर्ष हम 31 अक्टूबर के दिन एक पर्व के रुप में मनाते हैं. यह दिन विशेष रुप से भारत गणमान्य नेता सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में तथ औनके कार्यों की परिणीति के रुप में जोश के साथ सभी वर्ग के लोग मनाते हैं. इस दिन को राष्टिय एकता दिवस के रुप में मनाने की पहल 2014 में आरंभ हुई जो निरंतर परंपरा के रुप में हर साल 31 अक्टूबर को मनाई जाती है.
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सरदार पटेल के कार्यों से संभव हो पाई एकता
राष्ट्रीय एकता दिवस को सरदार पटेल जी की जयंती के समय ही मनाने की पहल क्यों की गई? तो इस प्रश्न के पीछे भारत का इतिहास जान लेना ओर समझ लेना बेहद जरुरी होगा. आजादी के समय पर भारत अनेक रियासतों में विभाजित था ऎसे में भारत को एक करने के लिए सरदार पटेल जी द्वारा सभी रियासतों को एक झंड़े के नीचे लाने के लिए उन्होंने दिन रात एक कर दिया.
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जब अंग्रेजों ने भारत को मुक्त किया तो देश लगभग 565 रियासतें में बंटा हुआ था ओर ऎसे में सभी की अपनी अपनी शर्तों और बातें थीं, जिन्होंने स्वतंत्रता प्राप्त कर ली थी और उस समय भारत संघ में नहीं थीं सभी को सरदार पटेल ने अपनी क्षमता का प्रयोग करते हुए एकजुट किया. सरदार पटेल जी ने इन राज्यों को भारत संघ में मिलाने का कठीन लेकिन प्रशंसनीय काम करके दिखाया. पटेल जी का एक ही उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट था कि भारत का मानचित्र आरंभ से अंत तक एक होना चाहिए और एक जुटता उसमें दिखाई दे.
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आधुनिक भारत जान है राष्ट्रीय एकता
राष्ट्रीय एकता दिवस आज के आधुनिक भारत की पहचान है. जिसे भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले नेता सरदार पटेली जी की समृत्ति मे हर वर्ष उत्साह के रुप में मनाया जाता है. पूरे देश में इस अवसर पर कई तरह के रंगारंग कार्यक्रम भी किए जाते हैं. सरदार पटेल के प्रति सम्मान के साथ-साथ इस दिन भारत की एकता का पर्व संपन्न होता है. विद्यालयों एवं कालेज एवं अन्य प्रकार के सरकारी कार्यालयों में इस दिन पर विशेष आयोजन किए जाते हैं. सरदार पटेल जी के सम्मान में उनकी प्रतिमा पर शृद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं तथा देश की एकता एवं अखंडता की शपथ ले कर इस एकता दिवस को मनाया जाता है.