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Home ›   Blogs Hindi ›   National Epilepsy Day: According to astrology, know which planets cause epilepsy.

National Epilepsy Day  :  ज्योतिष अनुसार जानें कौन से ग्रह बनते हैं  मिर्गी का रोग का कारण

Acharyaa RajRani Updated 17 Nov 2023 11:18 AM IST
National Epilepsy Day
National Epilepsy Day - फोटो : google
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कई तर्ह के रोगों का प्रभाव जीवन में किसी भी समय पर अपना असर डाल सकता है. ऎसे में ही एक रोग है मिर्गी की बीमारी से संबंधित. यह एक बेहद नकारात्मक रुप में अपना असर डालता है और इसके गंभीर परिणाम जीवन को कमजोर कर सकते हैं.

यह रोग कैसे होता है और इसके संभावित उपचार के बारे में जागरूक बनाने हेतु देश भर में "राष्ट्रीय मिर्गी दिवस" भी मनाया जाता है. इस रोग का वैज्ञानिक आधार जिस रुप में है उसी प्रकार ज्योतिष में भी इस रोग को सज पाना संभव है. यह रोग विशेष रुप से मस्तिष्क से संबंधोत रोगों की श्रेणी में आता है. 

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मिर्गी दिवस पर देश भर में चलता है जागरुकता अभियान 
यह रोग किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है. दुनिया भर में कई लोग इस रोग से प्रभावित हैं. यह दुनिया भर में सबसे आम न्यूरोलॉजिकल बीमारियों में से एक रोग के रुप में जानी जाती है. भारत में मिर्गी फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है. 

इस दिन लोगों को मिर्गी रोग और इसके उपचार के तरीकों के बारे में शिक्षित करने के लिए विभिन्न सेमिनार,  कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं. इस दिन विभिन्न अस्पताल में मरीजों के लिए मुफ्त इलाज भी करते हैं और परामर्श शिविर भी आयोजित होते हैं.

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ज्योतिष अनुसार मिर्गी रोग की अवधारणा 
मिर्गी के रोग को कुंडली के द्वारा जान पाने की संभावनाएं भी काफी प्रबल हैं. यह मस्तिष्क का एक दीर्घकालिक विकार है जिसकी विशेषता बार-बार दौरे आने की स्थिति को दर्शाती हैइस रोग के कारण व्यक्ति अचानक से अनियंत्रित हो जाता है अर्ध-चेतन अवस्था में रहता है. उस को इस बात का एहसास भी नहीं होता कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ने वाला है. यह रोग कई तरह से अपना असर शरीर पर डाल सकता है. 
 
ज्योतिष के नजरिये से ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर इस रोग को जाना जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र में मिर्गी के दौरे चंद्रमा, सूर्य और मंगल के दुष्प्रभाव के कारण आते हैं. सूर्य और मंगल ऊर्जा के कारक हैं. शरीर में ऊर्जा सूर्य और मंगल से ही प्रभावित होती है. जब हमारे शरीर में ऊर्जा के प्रवाह में रुकावट आती है तो मिर्गी का दौरा पड़ता है. 

इसी तरह हमारे शरीर में चंद्रमा ऊर्जा के प्रवाह में जब रुकावट पाता है तो मिर्गी का कारण बन सकता है. चंद्र ऊर्जा के प्रवाह में मदद करता है. अत: चंद्रमा का नकारात्मक प्रभाव में होना भी रोग उत्पन्न करने में सहायक होता है. इसके साथ ही लग्न का प्रतिकूल प्रभाव में होना भी रोग का संकेत देता है. इस प्रकार मिर्गी रोग होने के कारण होता है
 
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