National Education Day
- फोटो : my jyotish
हर वर्ष शिक्षा को लेकर विशेष तरह के आयोजन किय जाते हैं वहीं हर व्यक्ति के लिए शिक्षा बेहद अहम विषय है. शि़अ की अहमियत को ध्यान में रखते हुए ही भारत में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 11 नवंबर को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' के रूप में मनाया जाता है. वहीं इस दिन का एक अन्य महत्व भी है जिसके अनुसार भारत में शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के योगदान को याद करते हुए भी इस दिन को मनाए जाने का विचार आज इस रुप में प्राप्त होता है. अत: भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के उपलक्ष्य में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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शिक्षा के क्षेत्र में हम सभी किस स्तर को प्राप्त कर सकते हैं इनका असर हम सभी की कुंडली से भी जान पाना संभव होता है. शिक्षा आप कहां तक कर सकते हैं या आपका ज्ञान कितना विस्तृत हो सकता है इन बातों को जानने में ज्योतिष भी सहायक होती है. कुंडली में उच्च शिक्षा के योग जाने जा सकते हैं तथा यदि शिक्षा के कोई व्य्वधान है तो उसे दूर करने के उपाय भी प्राप्त होते हैं. जिनके द्वारा हम अपनी शिक्षा को बेहतर रुप से प्राप्त कर पाने में सफल रह सकते हैं.
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ज्योतिष अनुसार उच्च शिक्षा के योग
ज्योतिष अनुसार कुंडली में शिक्षा के क्षेत्र को समझने के लिए कई तरह के बिन्दुओं पर विचार किया जाता है. ज्ञान के कारक गुरु हैं तो बुद्धि के कारक बुध ग्रह हैं जब किसी की कुंडली में ये दो ग्रह प्रबल होते हैं तो उस स्थिति में व्यक्ति का ज्ञान बेहद ही प्रभावी बनता है. व्यक्ति की शिक्षा का स्तर भी उच्च होता है. इन दो शुभ ग्रहों की स्थिति यदि कुंडली में उत्तम है तो व्यक्ति स्वाभाविक रुप से अपनी शिक्षा में उत्तम हो सकता है.
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इसके विपरित जब इन दोनों ग्रहों की स्थिति यदि किसी भी प्रकार से पाप ग्रहों द्वारा ग्रसित होती है तो ज्ञान का स्तर ही अलग होता है. या फिर अज्ञान की स्थिति जीवन पर अधिक असर डाल सकती है.
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कुंडली का पंचम भाव व्यक्ति की शिक्षा का स्थान बनता है. इस भाव की स्थिति कुंडली में किसी व्यक्ति को मिलने वाली शिक्षा के लिए उत्तम हो सकती है. यदि व्यक्ति का पंचम भाव शुभ होगा तो अच्छी शिक्षा पाने में सफलता मिलनी संभव होती है लेकिन यदि पंचम भाव पाप प्रभावित है या कमजोर है तो शिक्षा का स्तर कमजोर होता है.