रुप चतुर्दशी
- फोटो : Myjyotish
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का दिन नरक चरुर्दशी के रुप में पूजा जाता है ओर इस दिन को रुप चतुर्दशी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान यम की भी पूजा की जाती है. तथा सौंदर्य का सुख प्राप्त किया जाता है रोग मुक्ति के साथ साथ यह दिन विशेष फल प्रदान करता है.
दिवाली के पावन अवसर पर अपार धन-समृद्धि के लिए कराएं सहस्त्ररूपा सर्वव्यापी लक्ष्मी साधना : 12-नवम्बर-2023 | Lakshmi Puja Online
इस दिन यमराज के लिए दीपक जलाया जाता है और पूजा की जाती है, इसलिए इस दिन को यम चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है. इसके अलावा इस दिन शरीर की कांति एवं सौंदर्य की प्राप्ति के लिए रुप चतुर्दशी का पूजन होता है. यह दिन भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी मान्यताओं के आधार पर अलग-अलग तरह से मनाते देखा जा सकता है.
शीघ्र धन प्राप्ति के लिए कराएं कुबेर पूजा 11 नवंबर 2023 Kuber Puja Online
अच्छे स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति का दिन
कार्तिक मास में पड़ने वाली चतुर्दशी तिथि को अनेक नामों से प्रतिष्ठित किया गया है. इस दिन को रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार यह दिन कई मायनों में खास है. सौंदर्य प्राप्ति का सुख भी इस दिन प्राप्त किया जा सकता है.
रूप चतुर्दशी का समय आयुर्वेद में भी विशेष माना जाता है. इस दिन रूप प्राप्ति का सुख मिलता है. धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन स्नान के साथ-साथ कुछ काम करने से जीवन में स्वास्थ्य का सुख भी मिलता है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
रूप चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान का महत्व
रूप चतुर्दशी के दिन व्यक्ति तेजस्वी शरीर प्राप्त करने में सक्षम हो जाता है. इस दिन स्नान के साथ-साथ शरीर पर उबटन और तेल लगाने का विशेष महत्व बताया गया है. किसी विशेष तिथि पर ग्रह स्थिति के कारण यह समय इन कार्यों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. इस शुभ दिन पर कई तरह के उपचार किए जाते हैं जिनमें शरीर को मजबूत और फिट बनाना भी शामिल है.
तैयार किए गए उबटनों का प्रयोग किया जाता है जिससे न केवल स्वास्थ्य में वृद्धि होती है बल्कि शरीर की चमक भी बढ़ती है. इस दिन चंदन, केसर, तिल, हल्दी आदि का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा सुबह के स्नान में अभ्यंग स्नान का विशेष महत्व है जिसमें कुछ विशेष जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है.