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Muktabharan Saptami 2023 : मुक्ताभरण सप्तमी व्रत जो पूर्ण करता है मुक्ताभरण सुख

Acharyaa RajRani Updated 21 Sep 2023 10:10 AM IST
Muktabharan Saptami 2023
Muktabharan Saptami 2023 - फोटो : my jyotish
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संतान सुख को पाने के लिए मुक्ताभरण सप्तमी का व्रत बहुत ही विशेष माना गया है. जिस प्रकार अहोई अष्ट्मी का पर्व संतान को पाने हेतु एवं उसकी सुख समृद्धि के लिए किया जाता है उसी प्रकार मुक्ताभरण सप्तमी का व्रत भी किया जाता है.  मुक्ताभरण सप्तमी अपने नाम रूप दम्पति को सुख प्रदान करती है. मुक्ताभरण सप्तमी को हिंदू व्रत और त्योहारों में एक महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है.

बच्चों की खुशी एवं उनकी उन्नति और उसकी लंबी उम्र के लिए माताएं इस व्रत को रखती हैं. यह व्रत हर साल भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. इस शुभ दिन पर भगवान सूर्य और शंकर एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है.

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मुक्ताभरण व्रत में होती है भगवान शिव ओर देवी शक्ति की पूजा 
संतान की मंगल कामना के लिए मुक्ताभरण सप्तमी का व्रत किया जाता है. इस व्रत में भगवान शंकर और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है. इस व्रत को स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं. मुक्ताभरण सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की भी पूजा की जाती है.

सुख-समृद्धि मुक्ताभरण के लिए यह व्रत सर्वोत्तम माना गया है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को मुक्ताभरण की प्राप्ति होती है, मुक्ताभरण को लंबी उम्र मिलती है और उसके सभी दुखों का नाश हो जाता है.

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मुक्ताभरण सप्तमी पूजन महत्व 
मुक्ता भरण सप्तमी से जुड़ी कथा अनुसार इस व्रत को करने से निसंतान दंपत्ति को भी संतान का सुख अवश्य प्राप्त होता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार भादो माह की सप्तमी अपने नाम रूप दम्पति को बच्चों सुख प्रदान करती है. इस व्रत के प्रभाव से महिलाओं की सूनी गोद जल्द ही भर जाती है. जिन महिलाओं के बच्चे होते हैं वे अच्छे स्वास्थ्य, बुद्धि और मुक्ताभरण की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं. कहा जाता है कि जिन महिलाओं को बार-बार गर्भपात हो जाता है उन्हें यह व्रत जरूर करना चाहिए, इससे आपके पिछले और वर्तमान जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं और स्वस्थ मुक्ताभरण की प्राप्ति होती है.

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सप्तमी के दिन भक्त अपने सभी दुखों के नाश और सुख-समृद्धि के लिए भगवान शंकर और माता पार्वती का व्रत रखती हैं. हालाँकि इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों ही रख सकते हैं. भाद्रपद शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को महिलाएं मुक्ताभरण सप्तमी का व्रत रखती हैं. माताओं द्वारा संतान की प्राप्ति, उन्नति, स्वास्थ्य एवं दीर्घायु के लिए किया जाने वाला महत्वपूर्ण व्रत है.
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