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Mrityu Panchak: माघ माह की गुप्त नवरात्रि के दिन ही शुरु होंगे पंचक देवी पूजन से मिलेगा विशेष फल

Acharya Rajrani Sharma Updated 10 Feb 2024 10:02 AM IST
mrityu panchak
mrityu panchak - फोटो : google

खास बातें

Mrityu Panchak: माघ माह की गुप्त नवरात्रि के दिन ही शुरु होंगे पंचक देवी पूजन से मिलेगा विशेष फल 

Navratri Panchak 2024 : फरवरी माह में आने वाले प्रथम पंचक का आरंभ माघ हुप्त नवरात्रि से होगा. 
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Mrityu Panchak: माघ माह की गुप्त नवरात्रि के दिन ही शुरु होंगे पंचक देवी पूजन से मिलेगा विशेष फल 


Navratri Panchak 2024 : फरवरी माह में आने वाले प्रथम पंचक का आरंभ माघ हुप्त नवरात्रि से होगा. गुप्त नवरात्रि और पंचक की शुरुआत का एक समय होना कई मायनों में महत्वपूर्ण होने वाला है. इस समय मिलेंगे कई तरह के प्रभाव क्योंकि इस समय मृत्यु पंचक की शुरुआत होगी. 

Panchak 2024 :  शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है. और इसी दिन से नवरात्रि का आरंभ भी होगा इस दौरान पंचक के समय देवी पूजन का प्रभाव पांच गुना रुप में प्राप्त होने वाला होगा. नाम अनुरुप यह पंचक अनुकूल नहीं होता है लेकिन इस समय देवी की महाविद्याओं की पूजा इसके शुभ प्रभाव देने वाली बनेगी. 

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पंचक का ज्योतिष अनुसार महत्व 

 पंचक का निर्माण पांच नक्षत्रों के मेल से होता है. ये नक्षत्र हैं धनिष्ठा  नक्षत्र, शतभिषा  नक्षत्र, पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र, उत्तरा भाद्रपद  नक्षत्र और रेवती  नक्षत्र. इन नक्षत्रों के योग से पंचक नक्षत्र आता है. ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा पांच दिनों के दौरान चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती से गुजरता है इन पांच दिनों को पंचक कहा जाता है.  मृत्यु पंचक को अन्य पंचकों में सबसे खतरनाक माना जाता है. ऐसे में देवी का पूजन शुभ फल प्रदान करने वाला होगा. 

शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है. और इसी दिन से नवरात्रि का आरंभ भी होगा इस दौरान पंचक के समय देवी पूजन का प्रभाव पांच गुना रुप में प्राप्त होने वाला होगा

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पंचक के साथ नवरात्रि प्रभाव 

पंचक और नवरात्रि का होना एक समय पर विशेष माना जाता है. यह समय पूजा एवं भक्ति के लिए अनुकूल है. माघ मास की इस नवरात्रि के दिन पंचक भी शुरू हो रहा है. ऐसे में इस समय देवी मां की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म होने का संकेत मिलता है. वैसे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में किसी भी काम को करने से पहले शुभ और अशुभ समय देखा जाता है. किम्तु नवरात्रि की घटस्थापना भी इस समय के लिए अनुकूल है. शुभ समय में किए गए काम हमेशा सफल होते हैं. हर महीने में पांच दिन ऐसे होते हैं, जिन दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. लेकिन भक्ति के कार्य इसके लिए बाधा नहीं बनते हैं. पांच दिनों को पंचक कहा जाता है. इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं और कुछ कार्य ऐसे भी होते हैं जिन्हें वर्जित नहीं किया जाता है.

प्रतिपदा तिथि में घटस्थापना मुहूर्त करने की परंपरा है. माघ गुप्त नवरात्रि के लिए प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होने का समय 10 फरवरी, 2024 को सुबह से होगा और माघ गुप्त नवरात्रि के लिए प्रतिपदा तिथि का समापन समय 11 फरवरी, 2024 को सुबह 12:47 बजे होगा. इसी के साथ 10 तारीख को ही पंचक शुरु होंगे सुबह 10:02 समय से. लेकिन इसी के साथ पंचक की समाप्ति का समय बसंत पंचमी को 14 फरवरी के दिन होने वाला है. 

देवी पूजन में घटस्थापना मुहूर्त के लिए, दोहरी स्वभाव लग्न अत्यंत शुभ होता है इसलिए इसके लिए घटस्थापना का समय मीन लग्न में होगा. 10 फरवरी को प्रातः 08:45 बजे से मीन लग्न प्रारम्भ होगी जो 10:10 बजे समाप्त होगी.  इस दिन शनिवार की सुबह घटस्थापना की जाएगी. इस दिन ही पंचक भी आरंभ होंगे तो माता के पूजन के साथ पंचक की शुभता मिलेगी भक्तों को. ऎसे में पंचक के गलत प्रभाव से बचाव हेतु भी माता का पूजन उत्तम होगा. 
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