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शिवरात्रि पूजा शुभ मुहुर्त समय
आषाढ़ मास की मासिक शिवरात्रि 16 जून को प्रातः 08:39 से प्रारंभ होकर 17 जून को प्रातः 09:11 बजे समाप्त होगी, आषाढ़ मास का मासिक शिवरात्रि व्रत 16 जून को रखा जाएगा. इस समय पर चंद्रमा भी अपनी उच्च राशि में गोचर करने से शुभ योग का निर्माण होगा. ऎसे में शिवरात्रि के दिन चंद्र पूजन से भक्तों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी.
शिवरात्रि व्रत का लाभ
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि शिवरात्रि व्रत के दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वहीं दूसरी ओर अविवाहितों को शीघ्र विवाह के योग प्राप्त होते हैं. 16 जून को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है. इस दिन जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती की पूजा देवों के देव महादेव के साथ की जाती है.
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भगवान के लिए व्रत भी रखा जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि शिवरात्रि व्रत के दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. साथ ही अविवाहित कन्याओं के शीघ्र विवाह के योग हैं. इस व्रत को स्त्री-पुरुष दोनों ही रख सकते हैं इसलिए शिवरात्रि व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
मासिक शिवरात्रि का व्रत सभी सुखों को प्रदान करने वाला होता है. इस व्रत के द्वारा जीवन में कष्टों से निजात प्राप्त होती है तथा भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है.