Masik Shivratri
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प्रत्येक माह में आने वाले कृष्ण पक्ष के समय पर मासिक शिवरात्रि का व्रत एवं पूजन किया जाता है. इस दिन पर भक्त सुबह से लेकर रात भगवान शिव की पूजा करते हैं. भगवान के मंत्र जाप एवं जागरण द्वारा पूजन संपन्न होता है. मासिक शिवरात्रि के दिन चारों प्रहर में अलग-अलग तरह की पूजा भी की जाती है.मासिक शिवरात्रि का पर्व कृष्ण चतुर्दशी तिथि के दोरान मनाया जाता है जिसके तैयारियां एक दिन पूर्व ही आरंभ हो जाती हैं. इस 12 अक्टूबर 2023 के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत एवं पूजन किया जाएगा. आइये जानते हैं शिव पूजन का समय एवं महत्व
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मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरतरि का पूजन किया जाएगा. मासिक शिवरात्रि व्रत 12 अक्टूबर 2023 को गुरुवर के दिन रखा जाएगा. मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वी तिथि के दिन मनाई जाती है. इस दिन मासिक शिवरात्रि के साथ साथ ही प्रदोष व्रत का समय भी रहेगा. अत: एक दिन में दो शुभ योगों की प्राप्ति होने के कारण यह समय बेहद शुभदायक होगा. इस दिन शुक्ल नामक शुभ योग की प्राप्ति भी होगी.
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मासिक शिवरात्रि पूजा विधान
हर माह मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि बेहद शुभ समय होता है. इस का व्रत त्रयोदशी से ही प्रारंभ होता है. व्रत करने वाले व्यक्ति को त्रयोदशी के दिन से ही शुद्ध मन एवं चित द्वारा नियमों का पालन आरंभ कर देना चाहिए. मासिक शिवरात्रि के दिन प्रात:काल समय स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इस दिन भगवान गणेश का ध्यान और पूजा करते हुए शिवरात्रि की पूजा शुरू करनी चाहिए. सबसे पहले भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए फिर शिवलिंग जलाभिषेक द्वारा आगे की पूजा शुरू करनी चाहिए.
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पूजा के लिर चंदन, रोली, कलावा, अगरबत्ती, कपूर, दीपक, अक्षत, यज्ञोपवीत, फूल माला, बिल्वपत्र, धतूरा, श्रीफल, मिठाई, गंगा जल एवं पंचामृत का उपयोग शुभ होता है. मासिक शिवरात्रि का विशेष धार्मिक महत्व है. यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान भोलेनाथ जीवन की सभी बाधाओं को दूर कर देते हैं.