खास बातें
Margashirsha Month : मार्गशीर्ष माह का शुक्ल पक्ष शुरु होगा बुधवार से जानें इसमें आने वाले व्रत त्यौहारmargashirsha shukla paksha : 13 दिसंबर 2023 को बुधवार से मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष का आरंभ होगा. इस माह के शुक्ल पक्ष की शुरुआत बुधवर से होगी. ऎसे में इस शुभ दिन पर कुछ कार्यों को कर लेने से मिलाग बुद्ध और ज्ञान का विशेष प्रभाव. इसी के साथ इस शुक्ल के दौरान कई तरह के पर्व भी पड़ने वाले हैं.
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Margashirsha Month : मार्गशीर्ष माह का शुक्ल पक्ष शुरु होगा बुधवार से जानें इसमें आने वाले व्रत त्यौहार
margashirsha shukla paksha
13 दिसंबर 2023 को बुधवार से मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष का आरंभ होगा. इस माह के शुक्ल पक्ष की शुरुआत बुधवर से होगी. ऎसे में इस शुभ दिन पर कुछ कार्यों को कर लेने से मिलाग बुद्ध और ज्ञान का विशेष प्रभाव. इसी के साथ इस शुक्ल के दौरान कई तरह के पर्व भी पड़ने वाले हैं.
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हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अमावस्या तिथि हर महीने के कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन होता है. 13 दिसंबर 2023 बुधवार से आरंभ होगा मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष. इस दिन प्रतिपदा तिथि का आरंभ होगा. शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ बुधवार का दिन रहेगा. इस समय मार्गशीर्ष माह चल रहा है और अमावस्या के बाद मार्गशीर्ष माह का शुक्ल पक्ष शुरू हो रहा है. इस दौरान मोक्षदा एकादशी, राम-सीता विवाह, गीता जयंती आदि कई बड़े व्रत और त्योहार आएंगे. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष के व्रत और त्योहारों की सूची.
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मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष व्रत त्यौहार
विनायक चतुर्थीमार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन भगवान गणेश पूजन का होगा. इस दिन को विनायक चतुर्थी के रुप में पूजा जाएगा. भगवान गणेश को समर्पित यह तिथि अत्यंत शुभ होती है. इस दिन गणेश पूजन एवं व्रत को करने वाले पर गणपति की विशेष कृपा बनी रहती है.संकट दूर हो जाते हैं और भगवान गणेश के आशीर्वाद से हर काम बिना किसी रुकावट के पूरा हो जाता है.
विवाह पंचमी
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन रामसीता जी के विवाह का पर्व होगा. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान राम और माता सीता विवाह के बंधन में बंधे थे. विवाह पंचमी के दिन व्रत रखने और अनुष्ठान करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है. दांपत्य जीवन का सुख बना रहता है.
चंपा षष्ठी
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन को स्कंद षष्ठी चंपा षष्ठी इत्यादि रुपों में पूजा जाता है. यह चंपा पर्व महाराष्ट्र और कर्नाटक के प्रमुख व्रतों में से एक है. इस दिन भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप और कार्तिकेय की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से संकटों का नाश होता है.
मोक्षदा एकादशी के साथ गीता जयंती
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी का दिन जहां मोक्षदा एकादशी के रुप में पूजा जाता है वहीं इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है. यह एकादशी अपने नाम के अनुरूप ही मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी मानी जाती है. इसी के साथ गीता जयंती के समय को श्रीकृष्ण के अर्जुन को गीता का उपदेश के रुप में जाना जाता है. दिया था.
प्रदोष व्रत के साथ अनंग त्रयोदशी
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन व्रत का पालन किया जाता है. इस दिन शिव, पार्वती, कामदेव और रति की पूजा करने की परंपरा है. इस दिन व्रत रखने वालों की विवाह संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं. सुखी वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत शुभ है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ दत्तात्रेय जयंती
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा करने से सुख, संपत्ति और सौभाग्य में वृद्धि होती है. इस दिन दत्तात्रेय जयंती भी मनाई जाएगी.