खास बातें
Margashirsha Amavasya 2023: Muhurta मार्गशीर्ष माह में आने वाली अमावस्या तिथि बेहद खासस्मय होता है. शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों का स्नान करने से अनजाने में किए गए पाप तथा कष्ट दूर हो जाते हैं.
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Margashirsha Amavasya 2023: Muhurta मार्गशीर्ष माह में आने वाली अमावस्या तिथि बेहद खासस्मय होता है. शास्त्रों में निहित है कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों का स्नान करने से अनजाने में किए गए पाप तथा कष्ट दूर हो जाते हैं. इसलिए मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि पर बड़ी संख्या में भक्त स्नान दान से संबंधित काम अवश्य करते हैं. भक्तों में यमुना, गंगा, गोदावरी सहित पवित्र नदियों में स्नान तथा धर्म कर्म के काम करने का बहुत उत्साह देखने को मिल सकता है. इसके बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें.
धार्मिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि के दिन पूजा, जप, तप और दान करने से अचूक फल मिलता है. आइये जान लें इस बार कब मनाई जा रही है मार्गशीर्ष अमावस्या फर क्या है इस दिन के स्नान दान का शुभ समय.
दर्श अमावस्या पर गया में कराएं पितृ तर्पण,पाएँ पितृदोष एवं ऋण से मुक्ति - 12 दिसंबर 2023
मार्गशीर्ष अमावस्या का विशेष मुहूर्त समय Margashirsha Amavasya 2023: Muhurta
अमावस्या तिथि को हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त होताहै. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पूजा, जप, साधना और दान के काम करना प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा है. इसके अलावा अमावस्या के समय में धर्म स्थानों पर जाकर स्नान किया जाता है. शास्त्रों में है कि मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान करने से भक्त के कष्ट खत्म हो जाते हैं. पंचांग अनुसार मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि 12 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी.दर्श अमावस्या पर गया में कराएं पितृ तर्पण,पाएँ पितृदोष एवं ऋण से मुक्ति - 12 दिसंबर 2023
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि
Margashirsha month amavasya puja vidhi : 13 दिसंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी. इस कारण से स्नान दान के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023 को संपन्न होगी. इस दिन सुबह से ही स्नान के काम और दान के कार्य आरंभ होंगे.आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ
मार्गशीर्ष अमावस्या 2023 महत्व
Significance of amavasya tharpanam इस दिन सूर्य उपासना और पितरों का पूजन जरुर करना चाहिए जो विशेष शुभ फलों को प्रदान करने वाला होता है. तर्पण द्वारा अनजाने में किए गए सभी पाप दूर हो जाते हैं. इसलिए अमावस्या तिथि पर बड़ी संख्या में लोग पितरों के लिए पूजा करते हैं. इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या पर धृति योग बन रहा है. धृति योग शाम 06:52 बजे तक है. इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है.जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं. इसके बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें. धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या तिथि के दिन पूजा, जप, तप और दान करने से अचूक फल मिलता है. इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली भी आती है.